सम्मान की सूची में डॉ राम बिहारी अवार्ड शामिल नहीं
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले छात्रों की सूची जारी कर दी गयी है. इसमें पीजी के टॉपरों व एक अक्तूबर से 30 मई तक शोध कर चुके 158 छात्र-छात्रओं के नाम शामिल हैं. लेकिन इस सूची में स्वर्गीय डॉ राम बिहारी अवार्ड का कोई जिक्र नहीं है. यह अवार्ड […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले छात्रों की सूची जारी कर दी गयी है. इसमें पीजी के टॉपरों व एक अक्तूबर से 30 मई तक शोध कर चुके 158 छात्र-छात्रओं के नाम शामिल हैं. लेकिन इस सूची में स्वर्गीय डॉ राम बिहारी अवार्ड का कोई जिक्र नहीं है. यह अवार्ड पीजी अर्थशास्त्र के टॉपर को दिया जाना है. बीते साल 13 नवंबर को एलएस कॉलेज मैदान में हुए दीक्षांत समारोह में 2012 व 2013 के पीजी अर्थशास्त्र के टॉपर को यह अवार्ड दिया गया था. यह अवार्ड हर साल दिया जाना तय हुआ था. लेकिन महज सात माह के अंतराल में ही विश्वविद्यालय प्रशासन इसको भूल गया.
डॉ राम बिहारी सिंह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले सूबे के पहले व्यक्ति थे. वे 1963 से 1967 के बीच बीआरए बिहार विवि अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष भी रहे. बाद में वे अमेरिका चले गये व यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (लॉस एंजल्स) एवं कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (बर्कले) में विजिटिंग प्रोफेसर के रू प में काम किया. उनके निधन (2003) के बाद 2008 में डॉ राम बिहारी सिंह स्मृति ट्रस्ट की स्थापना हुई.
इनके सदस्यों में पूर्व कुलपति डॉ आइसी कुमार, बीआरए बिहार विवि अर्थशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री डॉ प्रभुनाथ सिंह, ललित नारायण मिथिला विवि अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ बिनोद सिंह, एमएसकेबी की प्राचार्य डॉ निर्मला सिंह, रघुवंश नारायण सिंह, डॉ जयकांत सिंह जय, डॉ बिनोद नारायण सिंह, डॉ राम बिहारी सिंह की पुत्री डॉ लीला सिंह व दामाद ई राजेंद्र प्रसाद सिंह शामिल थे. 29 दिसंबर 2009 को ट्रस्ट की ओर से डॉ राम बिहारी सिंह अवार्ड के लिए विवि के खाते में एक लाख रुपये जमा कराये गये थे.
निराशाजनक फैसला विवि करे विचार
डॉ राम बिहारी सिंह स्मृति ट्रस्ट के सदस्य रघुवंश नारायण सिंह व डॉ राम बिनोद सिंह ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से जो पैसा दिया गया था, उसके सूद से ही पीजी अर्थशास्त्र के टॉपर को यह अवार्ड दिया जाना था. यदि पैसे कम पड़ रहे थे, तो विवि प्रशासन ट्रस्ट के सदस्यों से संपर्क करता. हम उन्हें गोल्ड मेडल के पैसे उपलब्ध कराते. लेकिन विवि प्रशासन की ओर से अभी तक इसके लिए संपर्क नहीं किया गया. ऐसे में बिना किसी कारण सूची में इस अवार्ड का जिक्र नहीं होना निराशाजनक है. विवि प्रशासन को इस पर फिर से विचार करना चाहिए.