डाक टिकट हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं

फोटो : दीपक मुजफ्फरपुर. रामचंद्र शाही संग्रहालय के तत्वाधान में भारतीय डाक विभाग व उत्तर बिहार फिलाटेलिक सोसाइटी के सहयोग से महात्मा गांधी की भारत वापसी के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन डाक विभाग के महाडाकपाल जितेंद्र गुप्ता ने किया. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2015 10:06 PM

फोटो : दीपक मुजफ्फरपुर. रामचंद्र शाही संग्रहालय के तत्वाधान में भारतीय डाक विभाग व उत्तर बिहार फिलाटेलिक सोसाइटी के सहयोग से महात्मा गांधी की भारत वापसी के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन डाक विभाग के महाडाकपाल जितेंद्र गुप्ता ने किया. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि डाक टिकट हमारे सांस्कृतिक प्रतिनिधि हैं. इनके द्बारा हम किसी भी देश के इतिहास, परंपरा आदि को सही तरह से जान सकते हैं. डाक टिकट संग्रह के शौक को प्रत्येक उम्र के लोग अपनाकर उसके माध्यम से घर बैठ पूरी दुनिया को जान और समझ सकते हैं. आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने कहा कि यह प्रदर्शनी गांधी के सम्मान और उनके जीवन दर्शन को जानने का एक अभियान है. इस प्रदर्शनी में गांधी के जन्म शताब्दी से लेकर भारत वापसी शताब्दी तक के कालखंड में देश-विदेश के डाक विभागों द्बारा प्रकाशित सौ से अधिक डाक टिकट व उन्य डाक सामग्रियों को शामिल किया गया है. साहित्यकार शिवदास पांडे ने कहा कि गांधी का संपूर्ण जीवन आदर्शों का प्रकाश स्तंभ है. गांधी को डाक टिकटों से जानने का प्यास मनोरंजन ही नहीं अपितु ज्ञानवर्धक भी है. डॉ भगवानलाल सहनी, डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, डॉ विजय शंकर चौधरी, संजय माथुर, राजन सौरभ, देव कुमार, देवेंद्र कुमार, केदारनाथ सिंह, सुरेश कुमार, गार्गी सिंह, डॉ शारदा चरण, अमरनाथ मेहरोत्रा, गणेश सारंग, उषा किरण, डॉ विजय कुमार शाही आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये.

Next Article

Exit mobile version