सीट को ले यात्री व आरपीएफ में मारपीट
मुजफ्फरपुर : यार्ड में बुधवार को सप्तक्रांति में बैठने को लेकर आरपीएफ जवान व यात्री मनोज कुमार में मारपीट हो गयी. मारपीट के दौरान यात्री मनोज ने आरपीएफ आरआर दूबे को जान मारने की धमकी दी. घटना की सूचना मिलने पर आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अविनाश करोसिया यार्ड पहुंच मनोज को गिरफ्तार कर पोस्ट ले […]
मुजफ्फरपुर : यार्ड में बुधवार को सप्तक्रांति में बैठने को लेकर आरपीएफ जवान व यात्री मनोज कुमार में मारपीट हो गयी. मारपीट के दौरान यात्री मनोज ने आरपीएफ आरआर दूबे को जान मारने की धमकी दी.
घटना की सूचना मिलने पर आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अविनाश करोसिया यार्ड पहुंच मनोज को गिरफ्तार कर पोस्ट ले आये. पोस्ट पर मनोज से पूछताछ की गयी, जिसमें उसने अपना नाम मनोज व घर चंदवारा बताया. पूछताछ के बाद मनोज को जेल भेज दिया गया.
जानकारी के अनुसार, यार्ड में सप्तक्रांति खड़ी थी. मनोज यार्ड में पहुंच सप्तक्रांति की जनरल बोगी में बैठ गया. वहां तैनात आरपीएफ जवान ने मनोज को ट्रेन से उतने को कहा. इसी बीच दोनों के बीच बकझक हो गयी. बकझक के दौरान मनोज ने जवान को धमकी दी कि वह कुछ ही देर में अपने 50 साथियों को बुला कर उसकी हत्या करवा देगा.
इस बात पर जवान ने मनोज को पकड़ कर पोस्ट लाने का प्रयास किया. पोस्ट लाने के क्रम में दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गयी. मारपीट की सूचना यार्ड के कर्मचारी ने सब इंस्पेक्टर को दी.सूचना पर पुलिस बल के साथ यार्ड पहुंचे सब इंस्पेक्टर ने मनोज को गिरफ्तार कर लिया.
मुजफ्फरपुर : जंकशन पर लगे यूटीएस काउंटर, आरक्षण व पूछताछ केंद्र पर लगे उपकरण काम करने लायक नहीं हैं. टिकट काटने वक्त कंप्यूटर बंद हो जाता है. प्रिंटर से टिकट का प्रिंट सही नहीं निकलता है. इस कारण हमेशा नाराज यात्रा ी हंगामा करते रहते हैं. उपकरण ठीक कराने को लेकर कई बार डीसीआइ ने सोनपुर मंडल को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक उपकरण को ठीक नहीं किया जा रहा है. अब उपकरण कार्य करना बंद कर दिया है.
इस कारण डीसीआइ आरआर ओझा ने सीनियर डीसीएम दिलीप कुमार को त्रहिमान पत्र लिखा है. इसमें मुजफ्फरपुर रेलखंड के 11 स्टेशनों के उपकरण के कार्य नहीं करने की बात कही है. पत्र में यह भी लिखा है कि अगर जल्द ही उपकरण को ठीक नहीं कराया गया, तो यात्री कर्मचारियों से उलझ भी जायेंगे.
दो माह में चार बार निरीक्षण के लिए आये सीसीएम महबूब रब, सीनियर डीसीएम दिलीप कुमार को भी इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है. उधर, उपकरण की देखरेख करने वाली कंपनी पिछले एक साल से उपकरण को देखने तक नहीं आ रही है. मंडल के अधिकारियों को भी इससे अवगत कराया जा चुका है.