सात सौ करोड़ का ऑडिट नहीं कराना चाहता विवि!

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सात सौ करोड़ रुपये का ऑडिट नहीं कराना चाह रहा है. इसी वजह से एजी (अकाउंटेंट जनरल) की टीम को लगातार वापस किया जा रहा है. पिछले सवा साल में एजी की टीम आधा दर्जन बार विवि आ चुकी है, लेकिन टीम को जांच के लिए कागजात उपलब्ध नहीं कराये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2015 7:27 AM
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सात सौ करोड़ रुपये का ऑडिट नहीं कराना चाह रहा है. इसी वजह से एजी (अकाउंटेंट जनरल) की टीम को लगातार वापस किया जा रहा है. पिछले सवा साल में एजी की टीम आधा दर्जन बार विवि आ चुकी है, लेकिन टीम को जांच के लिए कागजात उपलब्ध नहीं कराये गये.
पीएजी (प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल) ने फिर ऑडिट के लिए सितंबर में आने संबंधी पत्र लिखा है. इसको लेकर विवि में हड़कंप मचा है. अधिकारी से लेकर कर्मचारी इसे टालने के मूड में हैं. इसके लिए जल्द ही एजी को पत्र भेजा जायेगा, जिसमें अक्तूबर या नवंबर तक का समय मांगा जायेगा. ऑडिट 2006-2007 से 2010-2011 के सत्र का होना है.
कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (सीएजी) के निर्देश पर बीते साल अप्रैल माह से एजी पटना की टीम आधा दर्जन बार विवि आ चुकी है. हर बार टीम को खाली हाथ वापस जाना पड़ा है. इस दौरान उसे ऑडिट के लिए पूरे कागजात उलब्ध नहीं कराये गये.
इसमें परीक्षा विभाग के ओपनिंग व क्लोज बैलेंस शीट पर किसी का हस्ताक्षर नहीं होना, वेतन व पेंशन मद में भुगतान हुए राशि का बाउचर नहीं उपलब्ध होना, भवन मरम्मत व उपकरण खरीद में खर्च करोड़ों रुपये का हिसाब नहीं होना आदि.
विवि प्रशासन इसके लिए बार-बार ऑडिट टीम से समय मांग रहा है. बीते जून माह में भी एजी की दो सदस्यीय टीम विवि पहुंची. दो दिनों तक वह कार्यालय में रुकी, लेकिन उसे मांगी गयी संचिकाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी. इसके बाद टीम बिना ऑडिट किये ही वापस लौट गयी थी.
फिलहाल लेखा विभाग को अप-टू-डेट करने की प्रक्रिया जारी है. इसी माह होने वाली नैक की तैयारी में सभी अधिकारी व कर्मचारी व्यस्त हैं. इसके कारण इसमें परेशानी हो रही है. ऐसे में एजी से ऑडिट के लिए सितंबर या अक्तूबर का समय मांगा जायेगा.
– डॉ सतीश कुमार राय, कुलानुशासक

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