संवेदनशील व नक्सल प्रभावित क्षेत्र पर रखें पैनी नजर

मुजफ्फरपुर : आगामी विधानसभा चुनाव व त्योहारों के मद्देनजर प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद ने सभी डीएम व एसपी को संवेदनशील स्थानों पर विशेष नजर रखने को कहा है. खासकर नक्सल प्रभावित दियारा क्षेत्र की हर गतिविधि पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिया है. भूमि संबंधी मामले के त्वरित निष्पादन व नक्सल प्रभावित क्षेत्र में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2015 8:06 AM
मुजफ्फरपुर : आगामी विधानसभा चुनाव व त्योहारों के मद्देनजर प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद ने सभी डीएम व एसपी को संवेदनशील स्थानों पर विशेष नजर रखने को कहा है. खासकर नक्सल प्रभावित दियारा क्षेत्र की हर गतिविधि पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिया है. भूमि संबंधी मामले के त्वरित निष्पादन व नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में घटित मामले का रिकार्ड तैयार कर आगे की रणनीति तैयार करने के निर्देश दिया है.
आयुक्त ने बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में मुजफ्फरपुर व बेतिया जोन के डीआइजी, जिलाधिकारी व एसपी के साथ विकास, अपराध नियंत्रण, आपदा प्रबंधन व भूमि अजर्न की समीक्षा की. तिरहुत जोन के डीआइजी प्रदीप कुमार को चुनाव के दृष्टिकोण संवेदनशील लालगंज, राघोपुर के दियारा क्षेत्रों व शिवहर जाने के सभी रास्ते को चिह्न्ति करने के निर्देश दिया गया है. पुलिस अधीक्षक को वैसे मामले जिनमें प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है.
मिलरों से सख्ती से करें वसूली. धान के बदले चावल नहीं देने वाले जिले के सभी राइस मिलरों से सख्ती से पैसा वसूली करने का निर्देश आयुक्त ने दिया. डिफॉल्टर मिलरों के बारे में दी गयी रिपोर्ट में कुढ़नी के राइस मिलर पर 211 करोड़ रुपये का बकाया बताया गया.
सभी डीएम ने बताया कि डिफॉल्टर मिलरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. मुजफ्फरपुर के एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने बताया कि 12 बकायेदारों को जेल भेजा जा चुका है. पश्चिमी चंपारण में 64 के विरुद्ध सर्टिफिकेट केस व 21 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. मोतिहारी में 56 के खिलाफ सर्टिफिकेट व 47 के विरुद्ध एफआइआर दर्ज है.
रजिस्टर टू से छेड़छाड़ पर होगा एफआइआर. राजस्व की समीक्षा के दौरान राजस्व कर्मचारियों द्वारा रजिस्टर टू में छेड़छाड़ की शिकायत की जानकारी देने पर आयुक्त ने कहा कि राजस्व कर्मचारी इस तरह की गड़बड़ी करते हैं तो उन पर एफआइआर करें. कर्मचारियों के प्रभार आदान प्रदान के दौरान सीओ को अभिलेखों की जांच करने के लिए जिलाधिकारी को निर्देश देने को कहा गया. अंचलों में उपलब्ध सरकारी जमीनों को चिह्न्ति कराने की बात कही गयी.
विशेष योजना में सात गुणा मुआवजा .
आकस्मिक व विशेष योजनाओं के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीनों को एमवीआर की दर से सात गुणा अधिक मुआवजा दिया जायेगा. प्रमंडल के सभी जिलों की योजनाओं में भूअजर्न के कारण फंस रहे पेच को सुलझाने का निर्देश देते हुए आयुक्त ने कहा कि आकस्मिक व विशेष योजनाओं में सात गुणा तक मुआवजा देने का प्रावधान है. इंडो-नेपाल बॉर्डर मामले में इस पर अमल किया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version