केंद्रीय भंडार से अनुबंध की फिर से होगी जांच

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन वर्ष 2011 में स्नातक की परीक्षाओं के कंप्यूटरीकरण के लिए ‘केंद्रीय भंडार’ के साथ हुए समझौते की फिर से जांच करेगा. इसके लिए एजेंसी के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार से कार्य के अधिकार से संबंधित पत्र, अनुबंध की कॉपी, संपादित कार्यो व विवि को उपलब्ध करायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2015 7:47 AM
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन वर्ष 2011 में स्नातक की परीक्षाओं के कंप्यूटरीकरण के लिए ‘केंद्रीय भंडार’ के साथ हुए समझौते की फिर से जांच करेगा. इसके लिए एजेंसी के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार से कार्य के अधिकार से संबंधित पत्र, अनुबंध की कॉपी, संपादित कार्यो व विवि को उपलब्ध करायी गयी एवं परीक्षा में प्रयोग हुए कॉपियों की संख्या का विस्तृत ब्योरा देने को कहा है.
दरअसल, केंद्रीय भंडार ने सत्र 2011-14 में किये गये कार्यो के भुगतान के लिए हाइकोर्ट में मामला दर्ज कराया है. यही नहीं, उसने इसके लिए राजभवन को भी पत्र लिखा है. हाइकोर्ट व राजभवन ने इस मामले में विवि से रिपोर्ट तलब किया है. इसी को लेकर बुधवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने एजेंसी के अधिकारी को कार्यालय बुलाया था.

काफी देर तक दोनों पक्ष के बीच बैठक हुई. इस दौरान वित्त परामर्शी, वित्त अधिकारी, कुलानुशासक, कुलसचिव, विकास अधिकारी व परीक्षा नियंत्रक भी मौजूद थे. वार्ता के क्रम में एजेंसी के प्रतिनिधि ने राजभवन के पत्र के आलोक में पूर्व में भुगतान के लिए चेक बना लिये जाने का मामला व आखिरी समय में उसे रद्द कर दिये जाने का मामला उठाया. उनका आरोप था कि ऐसा कमीशन के लिए किया गया था. हाइकोर्ट में भी दर्ज मामले में भी इसी तरह का आरोप लगाया गया है. प्रतिनिधि ने निगरानी की जांच में क्लीन चिट दिये जाने के आधार पर किये गये कार्य के भुगतान की मांग की.

हालांकि, अधिकारियों ने इसे नकार दिया. उनका तर्क था कि निगरानी में दर्ज मामला अभी तक खत्म नहीं हुआ है. यही नहीं अब हाइकोर्ट में भी एजेंसी ने मामला दर्ज करा रखा है. ऐसे में जब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक भुगतान मुश्किल है.

Next Article

Exit mobile version