मानकों से अभी शहर बहुत दूर
मुजफ्फरपुर. स्मार्ट सिटी को लेकर जो मानक तय किये गये हैं. उनसे अपना मुजफ्फरपुर अभी काफी दूर है, लेकिन जिस तरह से स्मार्ट सिटी की होड़ में शहर अव्वल आया, उससे उम्मीद जगी है. लोगों को ऐसा विश्वास है कि शहर की व्यवस्थाएं जल्दी ही बदलेंगी और उन्हें अच्छे दिन देखने को मिलेंगे, जिनकी वो […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
August 28, 2015 6:59 AM
मुजफ्फरपुर. स्मार्ट सिटी को लेकर जो मानक तय किये गये हैं. उनसे अपना मुजफ्फरपुर अभी काफी दूर है, लेकिन जिस तरह से स्मार्ट सिटी की होड़ में शहर अव्वल आया, उससे उम्मीद जगी है. लोगों को ऐसा विश्वास है कि शहर की व्यवस्थाएं जल्दी ही बदलेंगी और उन्हें अच्छे दिन देखने को मिलेंगे, जिनकी वो कल्पना करते हैं.
अगर वर्तमान स्थिति की बात करें, तो न तो शहर में 24 घंटे पेयजल की आपूर्ति है और न ही 24 घंटे बिजली की सप्लाई होती है. शहर का ड्रेनेज सिस्टम भी लगभग खत्म जैसी स्थिति में है. थोड़ा सा पानी बरसने पर सड़कें झील बन जाती है. गुरुवार की अहले सुबह हुई बारिश ने शहर को बेहाल कर दिया. घंटों तक शहर के कई इलाकों में पानी भरा रहा.
शहर में कूड़ा उठाव की बात तो दूर, अभी तक कूड़ा डंपिंग स्थल भी नहीं बन पाया है. ऐसे में कूड़ा कैसे उठेगा, ये बड़ा सवाल अब भी प्रशासन व निगम के सामने है. जिस स्थान को चिह्नित किया गया है. ग्रामीण वहां कूड़ा फेंकने नहीं देते हैं. नतीजा ये हो रहा है कि बूढ़ी गंडक नदी के पेट में शहर के बड़े भाग का कूड़ा डाला जा रहा है.
ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बात करें, तो शहर में पहले चरण में कुछ सिटी बसें चलीं, लेकिन कुछ ही महीनों में बंद हो गयीं. उसके बाद नगर का ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुधारने की कवायद बंद हो गयी. परिवहन मंत्री मुजफ्फरपुर के हैं, लेकिन शहर में टेंपों वालों की मनमानी चलती है. ग्रामीण इलाकों में बसें चलती हैं, जहां उनकी मनमानी है.जाम शहर की स्थायी समस्या बन गया है. लगभग हर दिन शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाम लगता है. एनएच से लेकर शहर की मुख्य सड़कों पर वाहन रेंगते रहते हैं. ऐसे में बड़े पैमाने पर फ्लाइओवर आदि का निर्माण किये जाम की समस्या से निजात नहीं मिल सकती है. स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भी शहर फिसड्डी साबित हो रहा है. यहां मेडिकल कॉलेज हैं, लेकिन गंभीर बीमारियों का वहां इलाज नहीं हो पाता है. अगर किसी की तबियत बिगड़ती है, तो उसे पटना या दिल्ली, लखनऊ जैसे शहरों को रेफर कर दिया जाता है. ऐसे ही अन्य चीजें हैं, जिनमें शहर में अभी बहुत कुछ होना है.
शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल किये जाना हम सभी शहरवासियों के लिए गर्व की बात है. इससे शहर के विकास की गति और तेज होगी. सड़क, नाला, बिजली की व्यवस्था और बेहतर होगी. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एक पूरा खाका है, जिसके तहत नये सिरे से शहर को बेहतर बनाने का काम किया जायेगा. इसके लिए तमाम वार्ड पार्षद व नगर प्रशासक ने प्रयास किया और मेहनत रंग लायी. इसके लिए पूरे शहरवासियों को बधाई के पात्र है, उन्हीं के सहयोग से यह संभव हो पाया है.
वर्षा सिंह, मेयर
शहर पहले कंप्टीशन में पास हो गया है. अब दूसरे कंप्टीशन की तैयारी है. प्रथम चरण में बीस सिटी में मुजफ्फरपुर का स्थान आ जाये इसके लिए हम सबको प्रयास करना पड़ेगा. निगम को बेहतर काम करना होगा. हमलोग हर तरह के सहयोग और सुझाव देंगे. निगम को एक कार्य योजना के तहत बीस की सूची में स्थान बनाने के लिए काम करना होगा.
विजेंद्र चौधरी, पूर्व नगर विधायक