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बीआरए बिहार विवि: छात्रों ने दूसरे दिन भी बंद कराया विवि

मुजफ्फरपुर : कुलपति पर पेंडिंग सुधार के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी ताला बंद करवाया. एक-एक चेंबर व कार्यालय से अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर निकालकर मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. दोपहर में विवि गेस्ट हाउस में बैठक कर छात्रों ने […]

मुजफ्फरपुर : कुलपति पर पेंडिंग सुधार के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी ताला बंद करवाया. एक-एक चेंबर व कार्यालय से अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर निकालकर मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. दोपहर में विवि गेस्ट हाउस में बैठक कर छात्रों ने विवि में बढ़ रही छात्रों की समस्याओं पर चर्चा की. इसमें सीधे कुलपति को निशाना बनाया.

कहा, बताएं कि पेंडिंग सुधार व टेबुलेशन के टीआर में हुई टेंपरिंग के मामले में अपने वादे के मुताबिक उन्होंने क्या किया. छात्रों ने चेतावनी दी कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, विवि में कामकाज नहीं होने देंगे. शनिवार व रविवार को छुट्टी है. सोमवार से वे पुन: विवि बंद करायेंगे.

छात्र समस्याओं को लेकर विवि में सभी संगठनों के छात्रनेता एक साथ आ गये हैं. गुरुवार को प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय से वार्ता के दौरान छात्रों ने अपनी मांग रखते हुए अनिश्चितकालीन बंद कराने की चेतावनी दी थी. छात्रों का कहना है कि वार्ता के समय ही प्रॉक्टर ने असमर्थता जता दी. शुक्रवार को सुबह 11 बजे दर्जनों छात्र प्रशासनिक भवन के सामने जुटे और बारी-बारी से सभी कमरों में ताला बंद कराना शुरू किया. करीब एक घंटा में पूरा प्रशासनिक भवन ही खाली हो गया. इसके बाद कैंपस से भी लोगों को बाहर निकालकर दोनों तरफ के गेट बंद करा दिये. हालांकि इस विवि के अधिकारियों-कर्मचारियों ने विराेध करना चाहा, तो उनके साथ मामूली कहासुनी भी हो गयी. इस मौके पर रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनी सिंह, रवि कुमार, राजन, प्रशांत, मुन्ना यादव, पवन कुमार, दीपक ठाकुर, छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष गोल्डेन कुमार आदि थे.
परेशान होकर लौटे छात्र-छात्राएं
विवि में तालाबंदी के कारण सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ ही अभिभावक पूरे दिन भटकते रहे. कोई उन्हें यह भी बताने वाला नहीं था कि उनका काम कब तक होगा. इस कारण घंटों प्रशासनिक भवन के सामने ही खड़े रहे. शहर सहित जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों से अपनी समस्या लेकर छात्र-छात्राएं विवि पहुंचे थे. मुख्य गेट ही बंद देखकर उनके चेहरे पर उदासी छा गयी. वे घंटों बेचैन होकर इधर-उधर भटकते रहे. विवि में कामकाज ठप होने के बाद कर्मचारी वहां से सीधे घर निकल गये. ऐसे में उन्हें कोई यह भी बताने वाला नहीं था कि काम कब तक होगा.
वार्ता को आगे नहीं आया िववि प्रशासन
छात्राें का आंदोलन गुरुवार से ही चल रहा है, लेकिन विवि प्रशासन ने उनके सवालों का सामना करने की बजाय चुप्पी साध ली है. शुक्रवार को दूसरे दिन सुबह 11 बजे ही प्रशासनिक भवन में ताला बंद हो गया. अधिकारी व कर्मचारी विवि बंद होते ही आराम से घर निकल लिये. छात्रों का गुस्सा इस बात को लेकर भी था कि विवि के अधिकारी उनकी समस्याएं सुनने व उसके निदान को लेकर गंभीर नहीं हैं. कहा, जिम्मेदार लोगों को बताना होगा कि छात्रों का शोषण कब तक बंद होगा.
ये हैं छात्रों की मांगें
विवि में अनिश्चितकालीन बंदी का आह्वान कर रहे छात्रों की मांग है कि प्राथमिकता के आधार पर सभी विषयों की रीटोटलिंग एक सप्ताह के अंदर कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. इसमें संबंधित विभाग के टॉपर छात्रों को भी शामिल किया जाय. विवि एकेडमिक कैलेंडर को लागू करके परीक्षा व रिजल्ट की अनियमितता को दूर करें. इसके साथ ही टीआर टेंपरिंग के मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाये.
सभी कॉपियों का हो री-वैल्युएशन : मनी
रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनी सिंह ने कहा कि विवि पर अब भरोसा नहीं रह गया है. उन्होंने सभी कॉपियाें के री-वैल्युएशन की मांग की. कहा कि विवि के अधिकारी कह रहे हैं कि पहले ऐसा नहीं होता था, तो पहले ऐसे शिक्षक भी नहीं थे. मनी ने कहा कि शिक्षकों का नैतिक पतन बढ़ रहा है, जिसके चलते यह मांग करनी पड़ रही है.

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