पूर्वजों के आदर्श को अपनायें युवा

मुजफ्फरपुर: जो समाज को समेट कर चले, सभी वर्णाश्रमों से प्रेम व सद्भाव बनाने में मजबूत कड़ी बनाने का काम करें. वही सच्च ब्रह्नार्षि है. युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों के इसी आदर्श को अपना कर समाज को नयी दिशा देनी चाहिए. इतिहास गवाह है कि ब्रह्नार्षि समाज से ऐसे कई विभूति निकले हैं जिन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2013 9:16 AM

मुजफ्फरपुर: जो समाज को समेट कर चले, सभी वर्णाश्रमों से प्रेम व सद्भाव बनाने में मजबूत कड़ी बनाने का काम करें. वही सच्च ब्रह्नार्षि है. युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों के इसी आदर्श को अपना कर समाज को नयी दिशा देनी चाहिए. इतिहास गवाह है कि ब्रह्नार्षि समाज से ऐसे कई विभूति निकले हैं जिन्होंने अपने कृतित्व व व्यक्तित्व से समाज को नयी राह व पहचान दिलायी है. यह बातें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री भोला प्रसाद सिंह ने शनिवार को राणी सती मंदिर में आयोजित नौवें अखिल भारतीय ब्रह्नार्षि वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए कही.

श्री सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह की चर्चा करते हुए कहा कि जमींदार ब्रह्नार्षि समाज से आने वाले राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री ने सहजानंद स्वामी के साथ मिल कर जमींदारी प्रथा समाप्त कर सभी वर्ग को साथ लेकर चलने काम किया.

प्रो सिंह ने ब्रह्नार्षि को परिभाषित करते हुए कहा कि ब्रह्नार्षि जीवन जीने की कला है. ब्रह्नार्षियों के अधिष्ठाता परशुराम जी ब्रह्नार्षि थे, जो सदा अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे. पूर्व विधायक अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि दुख की बात है कि ब्रह्नार्षि समाज आपस में बिखरते जा रहा है. अधिवेशन मंच का मुख्य संयोजन एवं संचालन अखिल भारतीय ब्रह्नार्षि परिषद के केंद्रीय मंत्री ओम प्रकाशत्यागी ने किया. महाधिवेशन में डॉ हरेंद्र कुमार, राजस्थान से आयी हंसा त्यागी, विनाला लाहौरी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार त्यागी, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष देवेंद्र त्यागी ने भी अपने विचार प्रकट किये.

Next Article

Exit mobile version