साथ थे, तब भाजपा सांप्रदायिक नहीं थी : जीतन राम मांझी
मुजफ्फरपुर : पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया है. कहा, भागवत देश में लागू आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी. आज इसकी जरूरत है. 1952 में जब आरक्षण सिस्टम लागू हुआ था, तब अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. […]
मुजफ्फरपुर : पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन किया है. कहा, भागवत देश में लागू आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी. आज इसकी जरूरत है. 1952 में जब आरक्षण सिस्टम लागू हुआ था, तब अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था.
आज जनसंख्या में अनुसूचित जाति का अनुपात बढ़ गया है. ऐसे में उनके आरक्षण का प्रतिशत भी बढ़ना चाहिए. वे मंगलवार को एमपीएस साइंस कॉलेज में मुजफ्फरपुर से एनडीए प्रत्याशी सुरेश शर्मा के पक्ष में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा को सांप्रदायिक कहने पर लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार पर तंज कसा.
कहा, लालू 1990 से 1995 तक भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री थे. वहीं नीतीश कुमार लगातार सोलह साल तक भाजपा के साथ केंद्र में मंत्री व सूबे में मुख्यमंत्री रहे. तो दोनाें बताये, क्या उस समय भाजपा सांप्रदायिक नहीं थी? उन्होंने कहा, महागंठबंधन के दोनों नेता विकास की बातें नहीं करते हैं. वे गो मांस, आरक्षण, संप्रदायवाद की बात कर लोगों को ठगने का काम करते हैं.
हां, लालू प्रसाद यादव एक मामले में ईमानदार हैं. उन्हें आपको पढ़ाने की चिंता नहीं है, तो उन्होंने अपने बेटों को भी नहीं पढ़ाया. वे चाहते हैं कि सूबे के सभी लोग गउ खिलाये. जीतनराम मांझी ने अपने मुख्यमंत्री काल में की गयी उन घोषणाओं का भी जिक्र किया, जिसे नीतीश कुमार के शासनकाल में वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा, नौ महीने के अपने कार्यकाल में छह महीने तक वे नीतीश कुमार के कहने पर कार्य करते रहे. आखिरी तीन महीने जब बिहार के लिए काम करना शुरू किया तो उन्हें हटा दिया. नीतीश कुमार को भय था कि मांझी कहीं उनसे बड़े नेता न बन जायें.
काम करने लगे, तो मांझी काे हटा दिया : नरेंद्र सिंह
जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व कृषि मंत्री व हम के नेता नरेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक जीतन राम मांझी नीतीश कुमार की बात मानते रहें, तब तक वे ठीक थे. लेकिन जैसे ही वे बिहार के विकास के लिए काम करने लगे, उन्हें हटा दिया गया. ऐसा कर अनुसूचित जाति के एक नेता का अपमान किया गया.
जनता इस विधानसभा चुनाव में इसका बदला लेगी. मौके पर भोजपुरी स्टार पवन सिंह, प्रत्याशी सुरेश शर्मा, मनीष कुमार, संजीव कुमार सिंह, संजय पासवान, केपी पप्पू सहित अन्य लोग मौजूद थे.