दो दिन और, हो जायेगा फैसला
दो दिन और, हो जायेगा फैसलासकरा के थाना चौक पर सुबह से चुनावी चर्चा में मशगूल रहे लोगसबकी अपनी दलीलें, पर क्षेत्र के समस्यागत मुद्दों पर विरोध नहींमुजफ्फरपुर दिन : गुरुवार, सुबह के साढ़ नौ बजे हैं. सकरा का मुख्य चौराहा थाना चौक पर लोगों की भीड़ लगी हैं. नौकरीपेशा वाले लाेग चाय-पान करने के […]
दो दिन और, हो जायेगा फैसलासकरा के थाना चौक पर सुबह से चुनावी चर्चा में मशगूल रहे लोगसबकी अपनी दलीलें, पर क्षेत्र के समस्यागत मुद्दों पर विरोध नहींमुजफ्फरपुर दिन : गुरुवार, सुबह के साढ़ नौ बजे हैं. सकरा का मुख्य चौराहा थाना चौक पर लोगों की भीड़ लगी हैं. नौकरीपेशा वाले लाेग चाय-पान करने के बाद चौक से निकलने की तैयारी में हैं. हालांकि ग्रामीण चाय व नास्ते की दुकानों में जमे हैं. चौक की चर्चित अरुण साह की चाय दुकान पर सबसे अधिक भीड़ है. लोग चाय पीने में कम, आपसी बातचीत में सबसे ज्यादा मशगूल हैं. चर्चा बस एक ही, चुनाव. चर्चा में कोई पीछे नहीं. काम पर जाने वाले लोग भी अपनी बात कह कर ही निकल रहे हैं. बातें क्या, बस पक्ष-विपक्ष के समर्थकों की दलीलें. हालांकि क्षेत्र के समस्यागत मुद्दों पर सहमति. व्यवसायी अशोक चौधरी कहते हैं, बस दो दिन और इंतजार कीजिये. सबके भाग्य का फैसला हो जायेगा. रिजल्ट बतायेगा कि यहां के लोगों को क्या चाहिए. पूर्व मुखिया रामजपन राउत भी कहां चुप रहने वाले हैं. वे तपाक से कहते हैं कि जब तक सकरा को अनुमंडल नहीं बनाया जायेगा, तब तक कुछ नहीं हो सकता. हालात नहीं बदलने वाले हैं. यहां का यह सबसे प्रमुख मुद्दा है. 1977 से यहां के लोग इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. अब देखिये, कौन जीतता है और क्या करता है. चाय पी रहे मंजर आलम कहते हैं, देखिये जब तक नौजवानों को रोजगार नहीं मिलेगा, विकास की बात बेकार है. पास बैठे गौरीशंकर भी हां में हां मिलाते हैं. वे कहते हैं कृषि के क्षेत्र में भी विकास जरूरी है. पंकज साह कहते हैं आप लोग तो यहां का पीएचसी देखे हैं न. थोड़ा भी मरीज सीरियस हो तो लेकर शहर भागना पड़ता है. इसकी व्यवस्था कौन करेगा. क्षेत्र के विकास के लिए जनता की मांगें- सकरा को अनुमंडल का दरजा दिया जाये- कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना हो- लड़कियों के लिए कॉलेज खोला जाये- तकनीकी शिक्षा के लिए कॉलेज खुले- बंद पड़े सरकारी नलकूपों को चालू कराया जाये…………………………………………………………………………………..पांच वर्षों में हुए काम- बूढ़ी गंडक पर पिल्खी पुल का निर्माण- कदाने नदी पर पैगंबर पुल बना- बख्तियारपुर में पुल बना- बसंतपुर गांव में सोनघाट पर पुल निर्माण- मारकन व सुजावलपुर में 33 हजार केवीए के दो टावर लगे- मुरौल व सकरा को जोड़ने वाली सड़क बनी……………………………………………………………………………………………..पांच वर्षों में पूरा नहीं हुआ सपना- प्रखंड की अधिकतर सड़कें जर्जर ही रहीं- सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज की सुविधा नहीं- पूरी नहीं हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- क्षेत्र में बहाल नहीं हुई विद्युत की नियमित आपूर्ति- सरकारी विद्यालयों में नहीं सुधरा शिक्षा का स्तर- प्रखंड मुख्यालय पर लगे जलमीनार से पेयजल आपूर्ति नहीं………………………………………………………………………………………आजादी के पहले से ही चर्चित रहा थाना चौकसकरा प्रखंड का प्रमुख चौराहा थाना चौक के नाम से जाना जाता है. आजादी के पहले ही चौक को थाना चौक कहा जाता था. इसका मुख्य कारण यह है कि अंग्रेजी सरकार के जमाने में भी यहां थाना था. तब से यह थाना चौक के रूप में जाना जाता है. एक तरह से यह सकरा का मुख्य चौक भी है. चौक के पास ही अस्पताल व निबंधन कार्यालय है. मुरौल प्रखंड के लिए भी मुख्य सड़क यहीं से गुजरती है. प्रमुख चौक होने के कारण यहां दिनभर लोगों की भीड़ रहती है.