चिकित्सा के साथ मैनेजमेंट भी सीखें सजर्न

मुजफ्फरपुर: बिहार चेप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ सजर्न ऑफ इंडिया (बेसिकॉन) के कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन शल्य क्रिया के आधुनिक तकनीक पर चर्चा हुई. एसकेएमसीएच परिसर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने शोध पत्रों के जरिये चिकित्सा के कई पहलू को उजागर किया. कोलकाता से आये सजर्न डॉ हलधर ने चिकित्सा के अलावा मैनेजमेंट पर विस्तार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2013 3:15 AM

मुजफ्फरपुर: बिहार चेप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ सजर्न ऑफ इंडिया (बेसिकॉन) के कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन शल्य क्रिया के आधुनिक तकनीक पर चर्चा हुई. एसकेएमसीएच परिसर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने शोध पत्रों के जरिये चिकित्सा के कई पहलू को उजागर किया.

कोलकाता से आये सजर्न डॉ हलधर ने चिकित्सा के अलावा मैनेजमेंट पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि हेल्थ सर्विस के बढ़ते आयाम के कारण अब चिकित्सकों के लिए मैनेजमेंट सीखना जरूरी हो गया है. उन्हें अपने काम के अलावा कुछ समय प्रबंधन गुण सीखने में भी लगाना चाहिए. डॉ सतीश मिधा ने आंत की बीमारी एकेडेसिया कार्डिया के पहचान व उसके इलाज पर शोध पत्र प्रस्तुत किये. वरीय सजर्न डॉ एनके मिश्र ने वायलेंस ऑन डॉक्टर्स पर चर्चा करते हुए कहा कि मरीजों व डॉक्टर के बीच तनाव का कारण गलतफहमी है. इसके लिए कोई दुराग्रह नहीं होना चाहिए. डॉक्टर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है. इसमें सभी लोगों का योगदान जरूरी है. शोध पत्र प्रस्तुत करने के बाद बेसिकॉन की स्मारिका का लोकार्पण किया गया.

कोलकाता के डॉ अंशुमान को मिला बेस्ट पेपर अवार्ड : सेमिनार में कोलकाता के डॉ अंशुमान को प्रो वीएन सिंह मेमोरियल बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया. डॉ अशुमान ने अपने पेपर में वेरीकाज वेन (नसों का कमजोर होना) के निदान के लिये एक नयी पद्धति एकेरोथ्रेपी पर शोध प्रस्तुत किया था. उन्होंने कहा कि वेरिकाज वेन में त्वचा के नीचे की नसो ंका कमजोर होना है. पैरों के नस जब कमजोर होते हैं तो इसमें खून जमने लगता है. नसें उभरने लगती है.

इससे नस तो कमजोर होता ही है. धीरे-धीरे उठने बैठने में भी दिक्कत होने लगती है. उन्होंने कहा कि इलाज की नयी विधि एकेरोथ्रेपी में ऑपरेशन से नसों की कमजोरी को ठीक किया जाता है. इनके शोध की सभी डॉक्टरो ंने सराहना की. साथ ही दर्जनों डॉक्टर में इनके पेपर को बेस्ट पेपर माना गया.

बिहारशरीफ में होगा वर्ष 2014 का कॉन्फ्रेंस : शोध पत्र प्रस्तुत करने के बाद बेसिकॉन ने एक बैठक की. जिसे संबोघित करते हुए प्रो डॉ वीरेंद्र किशोर ने सेमिनार की सफलता के लिए सभी सजर्नों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिंदगी कभी पूर्ण नहीं होता, लेकिन हमेशा बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए. बैठक में वर्ष 2014-15 का कान्फ्रेंस बिहार शरीफ में करने का निर्णय लिया गया. इस मौके पर स्वागत समिति के चेयरमैन डॉ आरके टंडन, आयोजन कमेटी के चेयरमैन डॉ एनके मिश्र, आयोजन कमेटी के सचिव डॉ एचएन भारद्वाज, बेसिकॉन के अध्यक्ष डॉ एएम दास, कोषाध्यक्ष डॉ अवधेश कुमार, समिति के डॉ भारतेंदु कुमार, डॉ विजय भारद्वाज, डॉ राजेश कुमार, डॉ संतोष कुमार शाही सहित सभी सजर्नों को बधाई दी गयी.

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