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सरकारी कार्यालयों में चुनावी जीत- हार पर होती रही चर्चा

सरकारी कार्यालयों में चुनावी जीत- हार पर होती रही चर्चा कहीं चर्चा होती तो कहीं लोग गोपनीय रखे अपना विचार सरकार किसी की बने, लेकिन किसानों का हो काम वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सोमवार को हो गया. चुनाव कराने गये कर्मियों को परेशानी जितनी मतदान कराने में नहीं हुई. उससे अधिक […]

सरकारी कार्यालयों में चुनावी जीत- हार पर होती रही चर्चा कहीं चर्चा होती तो कहीं लोग गोपनीय रखे अपना विचार सरकार किसी की बने, लेकिन किसानों का हो काम वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सोमवार को हो गया. चुनाव कराने गये कर्मियों को परेशानी जितनी मतदान कराने में नहीं हुई. उससे अधिक अधिक परेशानी बाजार समिति स्थित स्ट्रांग रूप में एइवीएम जमा कराने में हुई. सरकारी कार्यालयों की अधिकांश कुरसियां खाली रही. कार्यालय सुना था. लेकिन जितने भी कर्मी चुनाव कार्य से फुरसत मिलने के बाद कार्यालय लौटे थे उनमें चुनाव को लेकर चर्चा का बाजार जोरों पर रहा. एक-एक प्रत्याशी के जीत हार का अंतर निकालने में व्यस्त थे. कृषि विभाग में जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार आये थे लेकिन कार्यालय में बहुत कर्मचारी नहीं आये थे. लोगों का कहना था सुबह में इवीएम जमा हुआ है. इस कारण परेशानी हुई थी. हालांकि इस विभाग में कुछ लोगों का आना-जाना लगा रहा. इसलिए चुनावी चर्चा थमी नहीं थी. जीत-हार का बाजार काफी गर्म रहा. हालांकि कृषि विभाग में आने-जाने वाले लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ. कृषि विभाग में बीज की जानकारी लेने आये कांटी के अखिलेश कुमार सिंह बताते हैं कि आज जहां भी गये हैं वहां चुनाव को लेकर ही चर्चा होती रही. मुशहरी के ओम प्रकाश यादव बताते हैं कि सरकार चाहे जिसकी बने. हार-जीत का अंतर मामूली होगा. बोचहां के राम शंकर प्रसाद यादव बताते हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. यह बहुत बड़ी बात है. अब सरकार चाहे जिसकी भी बने. लेकिन लोगों के काम पर ध्यान देने वाली सरकार हो. कुढ़नी के मो हसन बताते हैं कि चुनाव में मतदान के बाद लोग शांत हो गये हैं. सरकार चाहे जिसकी बने. लोगों का काम होना जरूरी है. कई माह से खेती किसानी पीछे चल रही है. कृषि विभाग में आने-जाने वाले हर लोग कुशल छेम में ही उनके क्षेत्र में मतदान की स्थिति पूछ लेते थे. कहीं चर्चा होती तो कहीं लोग गोपनीय ही रख लेते थे.

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