कोढ़ा गिरोह का सदस्य धराया

कोढ़ा गिराेह का सदस्य धरायाविवि एसबीआइ शाखा से गिरफ्तार – बैंक चेक करने के दौरान विवि थाना पुलिस के हाथ लगी सफलता वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. विवि की एसबीआइ शाखा से विवि थाना पुलिस ने बैंक में चेकिंग के दौरान कोढ़ा गिराेह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 10:28 PM

कोढ़ा गिराेह का सदस्य धरायाविवि एसबीआइ शाखा से गिरफ्तार – बैंक चेक करने के दौरान विवि थाना पुलिस के हाथ लगी सफलता वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. विवि की एसबीआइ शाखा से विवि थाना पुलिस ने बैंक में चेकिंग के दौरान कोढ़ा गिराेह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि वह बैंक में पाकेटमारी के उद्देश्य से आया था. इस बीच उसका एक अन्य साथी पुलिस को चकमा देकर फरार भी हो गया. पुलिस ने पूछताछ के बाद उसके गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में जुट गयी हैं. इसके अलावा नगर थाना, विवि थाना व काजीमोहम्मदपुर थाना की पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है. विवि थानाध्यक्ष विजय कुमार बुधवार की दोपहर बैंक चेकिंग के उद्देश्य से विवि के एसबीआइ शाखा में गये थे. इस बीच उनकी नजर बैंक में बैठे एक युवक पर पड़ी. उन्होंने जब युवक से पूछताछ करते हुए आईडी कार्ड मांगें, तो वह कुछ भी नहीं दिखा सका. इस बीच जब कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने अपना नाम विजय कुमार और निवासी कटिहार जिले के कोढ़ा थाने के नया गांव का रहने वाला बताया. पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया कि वह बैंक में पाकेटमारी करने आया था, लेकिन अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सका. इसका एक अन्य साथी राहुल मौके से भाग खड़ा हुआ. आठ की उम्र से ही ट्रेनिंग विजय ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके गांव में आठ साल बाद से ही बच्चों को चोरी, पाॅकेटमारी और ठगी देने की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी जाती है. इसके लिए बकायदा बच्चों को देश के कई राज्याें में गांव के बड़े ठगों के साथ चोरी करने, पाकेटमारी व ठगी करने के लिए भेजा जाता है. सबसे खास बात यह कभी भी ठग का काम अकेले नहीं करते है‍. इनके आस-पास इनके गिरोह के लोग मौजूद रहते है. गिरोह के सक्रिय सदस्य हमेशा बाइक से चलते है. विजय अपनी बाइक को स्टेशन परिसर के स्टैंड में खड़ा कर अपने साथी राहुल के साथ विवि कैंपस में ठगी व पाकेटमारी के उद्देश्य से आया था. इनका यह काम अन्य शहरों में इसी तरह हाेता है. यह अक्सर बाइकों को स्टैंडों में या ऐसे जगहों पर लगाते है, जहां पर आसानी से कोई बात होने पर ले जा सके.

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