25.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गले की फांस बना अधूरा संवर्धन सर्टिफिकेट

गले की फांस बना अधूरा संवर्धन सर्टिफिकेट -गलती सुधरवाने के लिए चक्कर लगा रहे नियोजित शिक्षक -प्रमाण-पत्र के अभाव में नया वेतनमान मिलना भी मुश्किल संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों के लिए अधूरा संवर्धन सर्टिफिकेट गले की फांस बन गया है. शिक्षक संगठनों के दबाव में आकर विभाग ने उन्हें सर्टिफिकेट तो दे […]

गले की फांस बना अधूरा संवर्धन सर्टिफिकेट -गलती सुधरवाने के लिए चक्कर लगा रहे नियोजित शिक्षक -प्रमाण-पत्र के अभाव में नया वेतनमान मिलना भी मुश्किल संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों के लिए अधूरा संवर्धन सर्टिफिकेट गले की फांस बन गया है. शिक्षक संगठनों के दबाव में आकर विभाग ने उन्हें सर्टिफिकेट तो दे दिया, लेकिन अब गलती सुधरवाने के लिए उन्हें अधिकारी व कर्मचारियों का चक्कर लगाना पड़ रहा है. जब तक वे संवर्धन सर्टिफिकेट नहीं देंगे, तब तक उन्हें न तो नया वेतनमान मिलेगा, न ही उनका वेतन निर्धारण हो सकेगा. इसको लेकर गुरुवार को बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय में शिक्षकाें की दिन भर भीड़ लगी रही. संवर्धन कोर्स पूरा कर चुके नियोजित शिक्षकों को बीआरसी से प्रमाण-पत्र देना था. पांच अप्रैल 2015 को 3753 शिक्षकों का कोर्स पूरा हो गया तो कुछ दिनों बाद से वे संबंधित बीआरसी का चक्कर लगाने लगे. आज-कल करते-करते महीनों गुजर गये. इस बीच सरकार ने नियोजित शिक्षकों को नया वेतनमान देने की घोषणा की, तो अचानक सबकी चिंता बढ़ गयी. प्रखंड स्तर पर अधिक दबाव होने की संभावना को देखते हुए बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय से प्रमाण-पत्र वितरित कराने का निर्णय लिया गया. पिछले महीने ही शिक्षा विभाग ने सभी प्रखंडों से शिक्षकों का प्रमाण-पत्र मंगवा लिया. कैंप लगाकर वितरण भी किया गया, लेकिन सैकड़ों प्रमाण-पत्र अधूरे होने के कारण नहीं दिये जा सके. अधूरे प्रमाण-पत्रों को सुधार कर जल्द ही वितरित कराने का भराेसा दिलाया गया, लेकिन कई सप्ताह गुजर जाने के बाद भी शिक्षक परेशान हैं. इस बीच दर्जनों शिक्षक को घर जाने के बाद सुधि हुई कि उनके प्रमाण-पत्र पर शिक्षक या पिता-पति का नाम ही गलत है. हालांकि विधानसभा चुनाव में अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगने के कारण काम लगभग ठप हो गया. वेतन निर्धारण के लिए पहले आठ नवंबर तक ब्लॉकवार कैंप लगाया जाना था, लेकिन अचानक विभाग ने गुरुवार तक ही सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण करने का निर्णय लिया. इसको लेकर शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गयी. प्रमाण-पत्र पर संशोधन कराने को लेकर प्रखंड कार्यालय से लेकर बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय तक चक्कर लगाते रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें