मेरा जीवन दीप अकेला जलता

मेरा जीवन दीप अकेला जलता वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . हमारा देश संस्कृति प्रधान देश है, जिसके अस्तित्व व ऐतिहासिक महत्व को आचार्य जानकीवल्लभ जैसे रचनाकार ने अपनी रचना के माध्यम से सुरक्षित व संवर्द्धित किया. हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. उक्त बातें साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कही. वे शनिवार को निराला नकतेन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 12:00 AM

मेरा जीवन दीप अकेला जलता वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . हमारा देश संस्कृति प्रधान देश है, जिसके अस्तित्व व ऐतिहासिक महत्व को आचार्य जानकीवल्लभ जैसे रचनाकार ने अपनी रचना के माध्यम से सुरक्षित व संवर्द्धित किया. हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. उक्त बातें साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कही. वे शनिवार को निराला नकतेन में आयोजित महावाणी स्मरण में कही. साहित्यकार रामशक्ल विद्यार्थी ने आचार्य के गीतों का पाठ किया. डॉ विजय शंकर मिश्र ने मेरा जीवन दीप अकेला जलता है गीत को सुनाया. इस मौके पर कृष्ण मोहन प्रसाद, मीनाक्षी मीनल, डॉ संजय पंकज, अंजनी कुमार पाठक, ललन कुमार की कविताएं भी पसंद की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता विष्णुकांत झा ने की व धन्यवाद ज्ञापन जयमंगल मिश्र ने किया.

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