पांच माह में भी नहीं बदला जला ट्रांसफॉर्मर

मुजफ्फरपुर : एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी दावे चाहे जितना कर ले लेकिन, दावे और हकीकत में भारी फर्क है. मेंटनेंस की समस्याओं से हर दिन जूझतीबिजली व्यवस्था आगे भी समस्याओं से लड़ती रहेगी. निजात मिलने के उपाय नहीं दिख रहे हैं. कंपनी के अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को समस्या से लड़ने को छोड़ दिया है. एस्सेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 6:20 AM
मुजफ्फरपुर : एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी दावे चाहे जितना कर ले लेकिन, दावे और हकीकत में भारी फर्क है. मेंटनेंस की समस्याओं से हर दिन जूझतीबिजली व्यवस्था आगे भी समस्याओं से लड़ती रहेगी.
निजात मिलने के उपाय नहीं दिख रहे हैं. कंपनी के अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को समस्या से लड़ने को छोड़ दिया है. एस्सेल के क्षेत्र में जून माह तक करीब चार सौ ट्रांसफॉर्मर जले हुए थे. कंपनी को 375ट्रांसफॉर्मर बदलने की अनुमति मिली थी. बाद में कंपनी के स्टॉक सेट्रांसफॉर्मर ही समाप्त हो गया. ट्रांसफॉर्मर आने के बाद जून से लेकर अक्तूबर तक 175 ट्रांसफॉर्मर ही बदले गये हैं. अभी भी 225 ट्रांसफॉर्मर बदलना बाकी है.
एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी के पीआरओ राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि हर माह क्षेत्र से जल ट्रांसफॉर्मर की जो रिपोर्ट आती है, उसी के आधार पर ट्रांसफॉर्मर बदला जाता है. कहीं भी ट्रांसफॉर्मर जला हो तो कंपनी के कस्टमर केयर सेंटर 0621-3031444 पर सूचना दे सकते हैं. या कंपनी के कार्यालय में आकर अपनी समस्या के निदान के लिए वरीय अधिकारियों से मिल सकते हैं.
कंपनी का दावा है कि जून में 39, जुलाई में 57, अगस्त में 31, सितंबर में 29 और अक्तूबर में 19 ट्रांसफॉर्मर बदले गये हैं. इतने ही ट्रांसफॉर्मर बदलने की सूचना क्षेत्र से मिली थी. और भी ट्रांसफॉर्मर जला हो तो कंपनी से शिकायत कर सकते हैं.
जानकारी हो कि जले ट्रांसफॉर्मर को बदल कर क्षेत्र के लोगों को रोशनी पहुंचाने के लिए राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह आंदोलन करते रहे हैं. हाल में
मीनापुर विधायक दिनेश प्रसाद भी कई दिनों तक ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए कलेक्ट्रेट में आंदोलन किया था. लेकिन कंपनी के लोगों ने स्टॉक में ट्रांसफॉर्मर नहीं होने की जानकारी दी. अपने दावे में कहा, जैसे ही ट्रांसफॉर्मर आता है बदल दिया जायेगा. तब आंदोलन समाप्त हुआ.

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