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फिश एंड फिशरीज से विवि लेगा चार लाख रुपये उधार

मुजफ्फरपुर : 15 से 17 दिसंबर तक आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार की तैयारी के लिए विवि प्रशासन फिश एंड फिशरीज विभाग से चार लाख रुपये उधार लेगा. जरूरत पड़ी, तो बाद में दो लाख रुपये और उधार लिये जायेंगे. यह निर्णय शुक्रवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता में आयोजित अधिकारियों की बैठक में लिया […]

मुजफ्फरपुर : 15 से 17 दिसंबर तक आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार की तैयारी के लिए विवि प्रशासन फिश एंड फिशरीज विभाग से चार लाख रुपये उधार लेगा. जरूरत पड़ी, तो बाद में दो लाख रुपये और उधार लिये जायेंगे.
यह निर्णय शुक्रवार को कुलपति डॉ पंडित पलांडे की अध्यक्षता में आयोजित अधिकारियों की बैठक में लिया गया. इसमें वित्त परामर्शी जी महिउद्दीन, वित्त अधिकारी राजनारायण प्रसाद सिन्हा, विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा व सीसीडीसी डॉ तारण राय शामिल थी.
इंटरनेशनल सेमिनार के लिए आयोजन समिति पहले ही ‘जूलॉजिकल सोसाइटी’ से दो लाख रुपये उधार ले चुकी है. यह सोसाइटी जूलॉजी विभाग का अंग है. बैठक में उधार ली गयी राशि को वापस करने की रणनीति पर भी विचार किया गया.
तय हुआ कि इंटरनेशनल सेमिनार के अवसर पर निकलने वाले सोविनियर के लिए विवि के सभी कॉलेजों से एक-एक पेज का विज्ञापन लिया जायेगा. एक पेज के विज्ञापन के लिए पंद्रह हजार रुपये तय की गयी है. इसके लिए वित्त अधिकारी सभी अंगीभूत, संबद्ध, बीएड, आयुर्वेदिक, होमियोपैथी व लॉ कॉलेजों को पत्र भी लिख चुके हैं. विवि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को भी पत्र भेज कर इतनी ही राशि का विज्ञापन देने को कहा गया है. इसके अलावा विवि प्रशासन को इंटरनेशनल सेमिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से भी पंजीयन शुल्क के रूप में अच्छी राशि मिलने की उम्मीद है.
फंड निकासी पर था विवाद. इंटरनेशनल सेमिनार के लिए ‘फिश एंड फिशरीज’ से उधार लेने का फैसला आसान नहीं था. इसको लेकर अधिकारियों के बीच मतभिन्नता थी. आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ श्रीनारायण प्रसाद सिंह ने यह प्रस्ताव कुलपति के समक्ष रखा था, लेकिन सीसीडीसी ने इसका विरोध किया.
उनका तर्क था कि फिश एंड फिशरीज एक सेल्फ फाइनेंस कोर्स है. इसके आय का स्रोत छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है. आय हुई राशि को पठन-पाठन, प्रैक्टिकल क्लासेस या अधिक राशि होने पर अलग विभाग खोलने में खर्च किया जा सकता है. यही नहीं, उन्होंने एक ही वित्तीय वर्ष में दो बार इसके मद से राशि निकालने का भी विरोध किया.
गौरतलब है कि नैक की तैयारी के दौरान विवि प्रशासन ने जीर्णोद्धार कार्य के लिए सात लाख रुपये कोर्स के फंड से खर्च करने का प्रस्ताव पास किया था. बैठक में भी उन्होंने अपनी बात मजबूती से रखी. इसके बाद अधिकारियों ने शर्तों के साथ राशि उधार लेने का फैसला लिया.

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