दस बजे के बाद मुरझाने लगे एनडीए समर्थक
दस बजे के बाद मुरझाने लगे एनडीए समर्थकसंवाददाता, मुजफ्फरपुर बाजार समिति मतगणना स्थल के सामने सुबह से ही एनडीए व महागंठबंधन उम्मीदवारों के समर्थक अलग-अलग रिजल्ट के इंतजार में थे. जब सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई तो शुरू में एनडीए के उम्मीदवार अधिक सीटों पर आगे चल रहे थे. इस दौरान महागंठबंधन के समर्थकों […]
दस बजे के बाद मुरझाने लगे एनडीए समर्थकसंवाददाता, मुजफ्फरपुर बाजार समिति मतगणना स्थल के सामने सुबह से ही एनडीए व महागंठबंधन उम्मीदवारों के समर्थक अलग-अलग रिजल्ट के इंतजार में थे. जब सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई तो शुरू में एनडीए के उम्मीदवार अधिक सीटों पर आगे चल रहे थे. इस दौरान महागंठबंधन के समर्थकों के चेहरे पर मायूसी छायी थी. लेकिन जैसे ही दस बजे के बाद से महागंठबंधन के प्रत्याशी रुझानों में आगे बढ़ने लगे, समर्थकों के चेहरे से मायूसी खत्म होकर हंसी आ गयी. इसके बाद से एनडीए समर्थक के चेहरे मुरझाने लगे. एनडीए प्रत्याशियों के कैंप में खामोशी सी छा गयी. वहीं कैंप के बाहर महागंठबंधन के समर्थक नीतीश-लालू जिंदाबाद का नारे लगाते हुए अपनी खुशी का इजहार करने लगे. कमोबेश यही हाल मतगणना स्थल के बाहर सभी एनडीए समर्थकों के टेंट में था. बेबी के कैंप में महागंठबंधन की जयबोचहां से निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी के कैंप में भाजपा के समर्थक बैठे थे. लेकिन जब महागंठबंधन की सीट बढ़ने लगी तो कैंप में महागंठबंधन की जय-जयकार होने लगी. इस कैंप के पास में बैठे लोग नीतीश-लालू जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. लेकिन प्रत्याशी बेबी कुमारी के समर्थकों की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी. वे सभी बेबी कुमारी के आगे बढ़ने की खुशी में मशगुल थे. दोपहर 12 बजे से लौटने लगे एनडीए समर्थक दोपहर 12 बजे जब महागंठबंधन के प्रत्याशी अधिक सीटों पर आगे चल रहे थे, उसी समय से एनडीए समर्थकों के घर लौटने का सिलसिला शुरू हो गया. वहीं महागंठबंधन के समर्थकों की भीड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगी. हाल यह था कि सुबह में जितनी भीड़ मतगणना स्थल के बाहर थी, उससे तीन-चार गुणा अधिक लोगों की भीड़ दोपहर दो बजे के बाद मतगणना स्थल के चारों ओर इकट्ठा हो गयी. दोपहर डेढ़ बजे लौट गये विजेंद्रमतगणना स्थल से जदयू प्रत्याशी विजेंद्र चौधरी दोपहर में डेढ़ बजे निकल गये. इसके बाद पूनम विवाह पैलेस के पास अपने समर्थकों के समक्ष पहुंचे. उनका अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान कई समर्थकों की आंखों में आंसू आ गये. इसके बाद श्री चौधरी ने समर्थकों को समझाया. इसी दरम्यान एक समर्थक ने जोर से आवाज लगायी, सरकार हमारी बनी है. इस पर श्री चौधरी सभी को शांत रहने की सलाह देते हुए गाड़ी में बैठकर चलते बने. हंसते हुए निकले मंत्री मनोजमतगणना स्थल से दोपहर में करीब पौने दो बजे मंत्री मनोज कुशवाहा निकले. लेकिन उनके चेहरे पर हार की शिकन नहीं दिख रही. बल्कि वह मुस्कराते हुए समर्थकों का अभिभावदन स्वीकार करते हुए निकले. करीब दो बजे उन्हें जब इस बात कहा अहसास हो गया कि वे हार रहे हैं तो मतगणना स्थल से निकल पड़े.बेबी के पति उमेश को कंधे पर घुमायाबोचहां से निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी लगातार सभी राउंड में आगे चल रही थीं. जब उन्हें इस बात का अहसास हो गया तो प्रत्याशी के पति उमेश बाहर समर्थकों के बीच आशीर्वाद लेने पहुंचे. समर्थक उन्हें कंधे पर उठाकर अपने कैंप में पहुंचे जहां जमकर गुलाल उड़ाया और माला पहनाकर अभिवादन किया. उमेश ने भी बड़े बुजुर्ग का पांव छूकर उनसे आशीर्वाद लिया. अब तो अशोक भइया जीत गयेकांटी से निर्दलीय प्रत्याशी अशोक चौधरी के समर्थक मतगणना स्थल के बाहर एक-एक राउंड के वोट की काउंटिंग को बैठकर जोड़ रहे थे. जब समर्थकों को कई राउंड के जोड़ से इस बात का अहसास हो गया तो वह जीत का जश्न दोपहर करीब दो बजे से ही मनाने लगे. सभी समर्थक एक दूसरे को अबीर लगाकर माला पहनाकर बधाई दे रहे थे. दस की माला चालीस मेंएक ओर जहां प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर मतगणना स्थल के बाहर किसी के चेहरे पर गम तो किसी के चेहरे पर खुशी का आलम था, दूसरी ओर माला लेकर बैठे फुटकर विक्रेताओं की चांदी थी. एक तो एनडीए के समर्थक शुरुआती रुझान के दौरान माला खरीदकर बैठे थे, लेकिन जब महागंठबंधन के उम्मीदवार जीत के करीब आने लगे तो उसके बाद माला की लूट मच गयी. विक्रेताओं ने दस रुपये का गेंदा का माला 30-40 रुपये में बेचा. हाल यह था ज्यों-ज्यों शाम हो रही थी, माला की बिक्री खूब हो रही थी. बेटा अब मिठाई बांट दोबेटा अब मिठाई बांटो, अब जीत पक्की है, दस हजार वोट से आगे चल रहे हैं. यह बात महागंठबंधन के समर्थक अपने प्रत्याशी की जीत पक्की होने को लेकर बेटे को खुशखबरी देते हुए कह रहे थे. वहीं उनके साथ दूसरे समर्थक फोन कर गांव के चौक पर तैयारी करने को कह रहे थे.