मुजफ्फरपुर से खाड़ी देशाें में गयी 60 टन शाही लीची, चायना का भी हो रहा एक्सपोर्ट
मुजफ्फरपुर में इस बार शाही लीची की फसल कम हुई है. इसके बावजूद काड़ी देशों में 60 टन लीची एक्सपोर्ट किया गया है.
खाड़ी देशों में मुजफ्फरपुर से 60 टन शाही लीची भेजी गयी है. शाही की फसल समाप्ति के बाद अब चायना का एक्सपोर्ट किया जा रहा है. इस बार शाही लीची का उत्पादन कम होने के कारण एक्सपोर्ट की कई कंपनियां चायना लीची की भी डिमांड की है. पिछले दो दिनों पांच टन चायना लीची दुबई भेजी गयी है.
लीची उत्पादकों का कहना है कि चायना की फसल इस बार अच्छी है. कुछ कंपनियों के प्रतिनिधि यहां चायना लीची का बाग देख कर गये हैं. उनकी डिमांड के हिसाब से आपूर्ति की जा रही है. 15 जून से पहले बारिश नहीं हुई तो चायना लीची का एक्सपोर्ट होता रहेगा. शाही लीची की कम पैदावार होने से परेशान किसानों को इससे कुछ फायदा होगा.
लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि चायना लीची की तुड़ाई शुरू हो गयी है, जिस बाग में फसल तैयार हो गया है, वहां पहले काम हो रहा है.
इजरायली प्रसंस्कण से बाहर जा रही लीची
इस बार यहां से लीची इजरायली प्रसंस्करण के बाद बाहर भेजी जा रही है. इजरायल से आये पांच वैज्ञानिकों की टीम पहले लीची को बाहर भेजने के लिये प्रोसेस में लाती है, फिर उसकी पैकेजिंग की जाती है. वैज्ञानिकों की टीम के पास पांच क्विंटल की क्षमता वाला एक फोल्डिंग बॉक्स है. जिस बाग में लीची तोड़ा जाना है, वहां यह बॉक्स लगाया जाता है. लीची को उस बॉक्स में रखा जाता है. फिर उसमें तीन घंटे तक कार्बन डाइऑक्साइन छोड़ा जाता है. इसके बाद लीची को उस बॉक्स से निकाल लिया जाता है.
कार्बन डाइऑक्साइड छोड़े जाने के कारण लीची पांच दिनों तक वैसी ही अवस्था में रहती है. इस विधि से उपचार से लीची उत्पादकों को काफी फायदा हो रहा है. लीची उत्पादक संघ के अनुरोध पर नेचुरल ऑफसेट फार्मिंग कंपनी के वैज्ञानिक मुजफ्फरपुर में लीची उत्पादकों को निशुल्क सेवा दे रहे हैं.
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