हमने गरीबों की मदद की, आगे भी करेंगे
मुजफ्फरपुर: जिस तरह के आरोप लग रहे हैं. उससे दिल टूटता है, अगर ऐसे होगा तो हम लोगों की मदद कैसे कर सकेंगे. इस सबके बाद मेरा जज्बा बरकरार है. द गाइडेंस नाम का हमारा संगठन है. उसी के जरिये हम लोगों की मदद करते थे. आगे भी करते रहेंगे. यह कहते हुये आफताब आलम […]
मुजफ्फरपुर: जिस तरह के आरोप लग रहे हैं. उससे दिल टूटता है, अगर ऐसे होगा तो हम लोगों की मदद कैसे कर सकेंगे. इस सबके बाद मेरा जज्बा बरकरार है. द गाइडेंस नाम का हमारा संगठन है. उसी के जरिये हम लोगों की मदद करते थे. आगे भी करते रहेंगे. यह कहते हुये आफताब आलम जज्बाती हो जाते हैं. आफताब को 29 अक्तूबर को एनआइए ने दिल्ली रेलवे स्टेशन से उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वह अपनी पत्नी शाइना कौसर को रिसीव करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे.
स्टेशन से पकड़ा
आफताब संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस से जैसे ही दिल्ली स्टेशन पर उतरे. इन्हें पीछे से एक व्यक्ति ने जोर से पकड़ लिया, जब इन्होंने पूछा, आपने हमें क्यों पकड़ा है तो उस व्यक्ति ने कहा, हम एनआइए से जुड़े हैं. आपके ऊपर हम लोगों को शक है. आपसे पूछताछ करनी है. इस पर आफताब ने कहा, ठीक है, अगर आपने हमें पकड़ लिया है तो हम भागनेवाले नहीं हैं. इसके बाद अफताब को नोएडा स्थित एनआइए के ऑफिस में ले जाया गया, जहां चार दिन तक पूछताछ चली. इस दौरान विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने भी आफताब से पूछताछ की. चौथे दिन जब जांच एजेंसी को आफताब की बातों पर विश्वास हुआ तो उसे घर जाने को कहा गया.
चार दिन की पूछताछ
हिरासत के दौरान आफताब को नोएडा स्थित एक होटल में रखा गया था, जहां से सुबह उसे एनआइए के कार्यालय लाया जाता था. पूछताछ के बाद फिर होटल पहुंचा दिया जाता था. यही क्रम चार दिन तक चलता रहा. इस दौरान आफताब के बारे में हर जानकारी जांच एजेंसी ने जुटायी. उसी के आधार पर पूछताछ की. हिरासत में लिये जाने के बाद 30 अक्तूबर को एनआइए की टीम ने आफताब के मुजफ्फरपुर स्थित घर की जांच की थी. इस दौरान उसके लैपटॉप, आइ पैड समेत नौ सामनों को जब्त किया था. उनसे मिली जानकारी के आधार पर भी आफताब से पूछताछ की गयी. आफताब का कहना है, हमने जो भी किया है. उस सबकी जानकारी हमारे लैपटॉप में है. हमने हर जानकारी एनआइए के अधिकारियों को दी है.
हम करते रहे हैं मदद
आफताब का कहना है, हमारा द गाइडेंस फाउंडेशन 2005 से काम कर रहा है, तब से हम लोगों की मदद करते रहे हैं. जरूरतमंदों की शादी में हमने मदद की है. गरीब बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक मदद दी है. इस सबकी की जानकारी मेरे लैपटॉप में है. 2007 में जब कोशी त्रसदी हुई थी, तब भी हम राहत सामग्री लेकर सहरसा, पतरहट, मधेपुरा गये थे. इससे पहले 2005 में मुजफ्फरपुर के औराई में हमने संगठन की ओर से राहत सामग्री बांटी थी. इसके लिए हमने लोगों से चंदा किया था. साथ ही हमने अपने पास से भी पैसे लगाये थे. आखिर समाज की भलाई के लिए हम लोगों का भी तो फर्ज है.
मिला था पुरस्कार
आफताब का कहना है, शिवहर को माओवाद प्रभावित इलाका माना जाता है. वहां लोग काम करने से डरते हैं, लेकिन हमारे संगठन ने वहां के नक्सल प्रभावित गांवों में काम किया. हम संपूर्ण स्वच्छता अभियान चलाते हैं. इसी के तहत शिवहर के नरवारा गांव में काम हुआ था, जिसके लिए हमें 2009 में निर्मल ग्राम पुरस्कार मिला था. संगठन का काम शिवहर के साथ मोतिहारी, सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर में भी चलता है. हमारे संगठन की ओर से बेरोजगारों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कार्यक्रम भी चलाये जाते हैं. अभी तक हम लोग तीन हाजर लोगों को ट्रेनिंग दिला चुके हैं, जो विभिन्न जगहों पर नौकरी कर रहे हैं.
एटीआइ में ली ट्रेनिंग
आफताब का कहना है, हमें 2008 में एटीआइ (प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, नैनीताल) में प्रशिक्षण मिला था. वहां पर भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है. उसी कैंपस में हम 15 दिन तक ट्रेनिंग के लिए गये थे. अगर हमारा इरादा गलत होता. हम गलत कर रहे होते तो वहां की सूचनाएं हम लीक कर सकते थे, लेकिन हमारी नीयत में खोट नहीं है. हम टेक्निकल इंस्टीट्यूट व आइटीआइ भी चलाते हैं. दोनों संस्थानों की ख्याति है.
पिता का था बुरा हाल
आफताब को जब हिरासत में लिये जाने की जानकारी परिनजों को मिली, तब वह परेशान हो गये. सबसे बुरा हाल आफताब के पिता अनीस आलम का था. अनीस हार्ट के मरीज हैं. उनकी 2006 में बाइपास सजर्री हो चुकी है. आफताब का कहना है, उनको भी पिता की सबसे ज्यादा चिंता हो रही थी. आफताब उस आरोप को भी नकारते हैं, जिसमें उनके घर में धार्मिक पुस्तकें मिलने का आरोप है. उनका कहना है, हम व्यक्ति अपने यहां ऐसी पुस्तकें रखता है. मेरे यहां हर धर्म से जुड़ी पुस्तकें हैं. आखिर इनमें बुराई क्या है. हम तो हमेशा देश की भलाई की दुआ करते हैं, लेकिन हमें अफसोस इस बात का है, हमें देश के विरोध मामले में हिरासत में लिया गया.