10,232 शिक्षकों के वेतन बिल पर लगी मुहर

मुजफ्फरपुर : प्राथमिक स्तर के 10,232 नियोजित शिक्षकों के वेतन बिल पर जांच-पड़ताल के बाद विभाग ने मुहर लगा दी है. हेड के अनुसार इनके वेतन बिल ट्रेजरी व संबंधित बैंकों में भेज दिये गये हैं. शुक्रवार को अवकाश के बावजूद विभागीय कर्मचारी शिक्षकों के वेतन निर्धारण प्रपत्र व अन्य पत्रावलियों की पड़ताल में जुटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 8:39 AM

मुजफ्फरपुर : प्राथमिक स्तर के 10,232 नियोजित शिक्षकों के वेतन बिल पर जांच-पड़ताल के बाद विभाग ने मुहर लगा दी है. हेड के अनुसार इनके वेतन बिल ट्रेजरी व संबंधित बैंकों में भेज दिये गये हैं. शुक्रवार को अवकाश के बावजूद विभागीय कर्मचारी शिक्षकों के वेतन निर्धारण प्रपत्र व अन्य पत्रावलियों की पड़ताल में जुटे रहे. डीइओ गणेश दत्त झा ने बताया कि रविवार को भी वेतन निर्धारण की प्रक्रिया जारी रहेगी. इसमें लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

सरकार के निर्देश पर वेतन निर्धारण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. डीइओ गणेश दत्त झा ने बताया कि 11,400 शिक्षकों का फोल्डर वेतन निर्धारण कोषांग में जमा हो चुका है. जो बाकी बचे हैं, उसे भी समय पर जमा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि प्राथमिकता के आधार पर इस काम को पूरा करें. गुरुवार को शाम तक 10,232 शिक्षकों का वेतन बिल भुगतान के लिए भेज दिया गया है. अवकाश के दिन भी प्रपत्रों की जांच चल रही है, ताकि छठ तक भुगतान हो सके.

हाईस्कूलों में लापरवाही, प्रधानाध्यापकों को चेतावनी
हाईस्कूल के शिक्षकों के वेतन निर्धारण में लापरवाही के साथ ही मनमानी की जा रही है. इस पर डीइओ गणेश दत्त झा ने प्रधानाध्यापकों को कड़ी चेतावनी दी है. कहा है कि सोमवार को दोपहर दो बजे तक सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण प्रपत्र जमा नहीं करने वाले प्रधानाध्यापकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जायेगी.

श्री झा ने बताया कि जिले में 1400 शिक्षकों के सापेक्ष अभी तक करीब एक हजार शिक्षकों के फोल्डर जमा हुए हैं. 770 शिक्षकों का वेतन बिल बनाकर भुगतान के लिए भेज दिया गया है, जबकि शुक्रवार को करीब 200 शिक्षकों के पत्रावली की जांच पूरी कर ली गयी है. हालांकि हाइस्कूल के वेतन निर्धारण में काफी गड़बड़ी की शिकायतें भी मिल रही हैं. कई प्रधानाध्यापकों ने शिक्षकों के वेतन निर्धारण में मनमानी की है. उनके यहां तैनात सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण प्रपत्र एक साथ न देकर कुछ करीबियों की पत्रावली ही भेजी गयी है. ऐसे में बाकी बचे शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गयी है.

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