चार साल तक दबी रही फर्जीवाड़े की फाइल

चार साल तक दबी रही फर्जीवाड़े की फाइल – मामला वर्ष 2011 में मुखिया के चुनाव का, मामले में घिरे तत्कालीन सीओ- मछिया देवी ने हाइकोर्ट में दर्ज कराया मामला- हाइकोर्ट ने डीएम को दिया कार्रवाई का आदेश संवाददाता, मुजफ्फरपुर कुढ़नी प्रखंड के सुमैरा पंचायत की मुखिया अंगूरी खातून का जाति प्रमाण पत्र चार वर्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 9:07 PM

चार साल तक दबी रही फर्जीवाड़े की फाइल – मामला वर्ष 2011 में मुखिया के चुनाव का, मामले में घिरे तत्कालीन सीओ- मछिया देवी ने हाइकोर्ट में दर्ज कराया मामला- हाइकोर्ट ने डीएम को दिया कार्रवाई का आदेश संवाददाता, मुजफ्फरपुर कुढ़नी प्रखंड के सुमैरा पंचायत की मुखिया अंगूरी खातून का जाति प्रमाण पत्र चार वर्ष पूर्व की गयी जांच में गलत पाया गया था. लेकिन पंचायती राज विभाग ने कार्रवाई की जगह जांच रिपोर्ट फाइलों में बंद कर दी. प्रखंड के तारसन की मछिया देवी ने मुखिया पर गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मुखिया बनने की शिकायत की थी. कार्रवाई नहीं होता देख मछिया देवी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने इसको लेकर डीएम को कार्रवाई का निर्देश दिया है.हाईकोर्ट में की गयी शिकायत में कहा गया था कि वर्ष 2011 में हुये चुनाव में शेख जाति की अंगूरी खातून ने अति पिछड़ा वर्ग की सीट पर गलत जाति प्रमाण के आधार पर चुनाव लड़ा और मुखिया बनी. हाइकोर्ट ने मछिया देवी की शिकायत पर डीएम को आदेश दिया की वह अंगूरी खातून के अति पिछड़ा वाले जाति प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए उचित कार्रवाई करे. क्या था मामलावर्ष 2011 में आलीशान की पत्नी अंगूरी खातून सुमैरा से पिछड़ा वर्ग की सीट से मुखिया चुनी गयी थी. मछिया देवी का आरोप था कि अंगूरी खातून शेख जाति की हैं लेकिन उन्होंने गलत जाति प्रमाण पत्र देकर इस सीट पर कब्जा जमाया है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने बीडीओ को जांच का आदेश दिया. बीडीओ ने प्रखंड कल्याण पदाधिकारी (बीडब्लुओ) से इसकी जांच करवाई. बीडब्लूओ ने बीडीओ को सौंपी रिपोर्ट में बताया की कुढ़नी सीओ से जारी अंगूरी खातून का अति पिछड़ा प्रमाण पत्र गलत है. उन्होंने सुमैरा उर्फ अफजलपुर में अंगूरी खातून के पिता मो जुबैर के घर पर जाकर इसकी जांच की. जिसमें यह बात स्पष्ट हुई की अंगूरी खातून के पिता मुस्लिम में शेख समुदाय से आते है. सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में जाति प्रमाण पत्र पिता की जाति से बनता है. ऐसे में अंगूरी खातून का जो प्रमाण पत्र कुढ़नी सीओ कार्यालय से दो फरवरी 2011 को जारी हुआ, वह गलत है. बीडब्लूओ ने बीडीओ को अगस्त 2011 में रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद बीडीओ ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंप दी थी. बावजूद इसके कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद मछिया देवी हाइकोर्ट की शरण में गई थी.

Next Article

Exit mobile version