हत्या मामले में भाजपा नेता अजय सहित 22 नामजद
मीनापुर: विशुनपुर रूपौली गांव के राजमंगल प्रसाद की हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम करने वाले लोगों के खिलाफ मीनापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमे भाजपा नेता अजय कुमार सहित 22 लोगो को नामजद किया गया है, जबकि 75 अज्ञात पर एफआइआर किया गया है. यह प्राथमिकी पुलिस इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
November 20, 2015 9:34 AM
मीनापुर: विशुनपुर रूपौली गांव के राजमंगल प्रसाद की हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम करने वाले लोगों के खिलाफ मीनापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमे भाजपा नेता अजय कुमार सहित 22 लोगो को नामजद किया गया है, जबकि 75 अज्ञात पर एफआइआर किया गया है. यह प्राथमिकी पुलिस इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार झा के बयान पर दर्ज किया गया है. इसमें भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार, सदाकत अंसारी, मो चुन्नू, प्रेमलाल भगत, शिवजी प्रसाद, जनकधारी प्रसाद, अजय कुमार, प्रमोद कुमार, नंदकिशोर, संजय भगत, प्रेम कुमार, कोदई भगत, प्रह्लाद भगत, हरिलाल भगत, अजीत कुमार, विनोद भगत, लालबाबू, मौजे भगत, उमेश कुमार, दिनेश कुमार, कृष्णदेव व अलीनेउरा पंचायत के मुखिया लालबाबू प्रसाद को नामजद किया गया है.
प्राथमिकी में इनलोगों पर पुलिस प्रशासन व चिकित्सकों के साथ धक्कामुक्की, गालीगलौज व प्रशासनिक कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप है. साथ ही सड़क जाम कर यात्रियों को परेशान करने, उपद्रव फैलाकर अफरातफरी का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया गया है. प्राथमिकी मे भाजपा नेता अजय कुमार पर 100 समर्थकों के साथ हरबे-हथियार से लैश होकर सड़क जाम करने का आरोप लगाया गया है. उग्र समर्थकों को देखते हुए पुलिस उपाधीक्षक पूर्वी एम अहमद के नेतृत्व में सिवाइपट्टी, पानापुर ओपी व बोचहां थाने की पुलिस को बुलाना पड़ा. डीएसपी के समझाने के बाद भी सड़क जाम करने वाले लोग नहीं माने और हिंसा पर उतारू हो गये. प्राथमिकी में कहा गया है कि मृतक के पुत्र शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना चाहते थे, लेकिन सड़क जाम करने वाले लोग राजनीतिक करने पर तुले थे. इनलोगों पर एसकेएमसीएच में भी हुड़दंग मचाने का आरोप लगाया गया है.
ये है मामला
विशुनपुर रूपौली गांव के दवा व्यवसायी राजमंगल प्रसाद सोमवार को दवा लाने शहर गये थे. उनका शव मंगलवार की सुबह दरहीपट्टी पुल के पास से बरामद किया गया. परिजनों का कहना था कि राजमंगल की पीठ में गोली मारी गयी है, यह हत्या है. हालांकि प्रशासन इसे सड़क दुर्घटना मान रहा था. परिजनों के आक्रोश को देखते हुए शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन परिजन चिकित्सकों की रिपोर्ट से नाखुश थे. उनका कहना था कि रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण है क्योंकि पीठ पर गोली लगने के निशान हैं. उनका कपड़ा भी हकीकत बयां कर रहा है. हालांकि दूसरे पोस्टमार्टम के बाद शव का दाह संस्कार कर दिया गया.