भवन नहीं सौंपने से शिशुओं का इलाज बाधित
भवन नहीं सौंपने से शिशुओं का इलाज बाधितएक वर्ष से सदर अस्पताल में भवन बन कर तैयारनिर्माण के बाद कोलकाता की टीसीएस कंपनी ने नहीं किया हैंडओवरवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिशुओं के इलाज के लिए बने भवन को एजेंसी की ओर से नहीं सौंपे जाने के कारण सदर अस्पताल में इलाज बाधित है. शिशुआें को भरती […]
भवन नहीं सौंपने से शिशुओं का इलाज बाधितएक वर्ष से सदर अस्पताल में भवन बन कर तैयारनिर्माण के बाद कोलकाता की टीसीएस कंपनी ने नहीं किया हैंडओवरवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शिशुओं के इलाज के लिए बने भवन को एजेंसी की ओर से नहीं सौंपे जाने के कारण सदर अस्पताल में इलाज बाधित है. शिशुआें को भरती कर इलाज की सुविधा के लिए यह भवन पिछले वर्ष से बनकर तैयार है, लेकिन एजेंसी ने अबतक इसे अस्पताल प्रशासन के हवाले नहीं किया है. हालांकि इसके लिए मुख्यालय ने सीएस से जवाब मांगा है. जानकारी हो कि सदर अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर यूनिट शुरू करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से कोलकाता के टीसीएल कंपनी को टेंडर दिया गया था. कंपनी ने यहां भवन निर्माण का कार्य तो पूरा कर लिया, लेकिन इसे हैंडओवर नहीं किया. इस कारण यहां शिशुओं का इलाज शुरू नहीं किया जा सका. शिशु मृत्यु दर में कमी की थी योजनास्वास्थ्य विभाग की ओर से शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए राज्य के सभी जिलों में न्यू बॉर्न केयर यूनिट शुरू करने की योजना थी. इसका उद्देश्य था कि प्रसव के बाद गंभीर रूप से बीमार शिशुओं का इलाज सदर अस्पताल में भरती कर किया जाये जिससे उसकी जान बचायी जा सके. अभी तक सदर अस्पताल में यह व्यवस्था नहीं है. गंभीर रूप से बीमार शिशुओं को प्राइवेट अस्पताल में भरती कराना पड़ता है.