बुराई से नहीं बचा हाजी, तो हज कबूल नहीं
बुराई से नहीं बचा हाजी, तो हज कबूल नहींफोटो दीपकब्रह्मपुरा में इस्तेकबाल हुज्जाजे केराम का आयोजनमशहूर मौलाना ने हाजियों काे बताया जीने का नियमवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . हज से लौटे लोगों के स्वागत में ब्रह्मपुरा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से रविवार को इस्तेकबाल हुज्जाजे केराम का आयोजन किया गया. मेहंदी हसन किला मैदान में आयोजित […]
बुराई से नहीं बचा हाजी, तो हज कबूल नहींफोटो दीपकब्रह्मपुरा में इस्तेकबाल हुज्जाजे केराम का आयोजनमशहूर मौलाना ने हाजियों काे बताया जीने का नियमवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . हज से लौटे लोगों के स्वागत में ब्रह्मपुरा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से रविवार को इस्तेकबाल हुज्जाजे केराम का आयोजन किया गया. मेहंदी हसन किला मैदान में आयोजित समारोह की शुरुआत मौलाना एतेसामुल हक ने कुरान पाक की तिलावत से किया. समारोह की अध्यक्षता करते हुए पटना से आये इमारत-ए-शरिया के मौलाना मुफ्ती जुनैद आलम ने कहा कि हज के बाद हाजियों को एकता कायम रखने की पहल करनी चाहिए. हाजी के ऊपर कोई कर्ज बाकी रह गया हो तो उसे उतार लें. तिलक दहेज से तौबा करें. अगर ले चुके हों तो वापिस कर दें. मौलाना गुलाम हैदर मिसबाही ने कहा कि हज करके आने वाले हाजियों को बुरे काम से तौबा करना चाहिए. यदि वह बुराई से खुद को नहीं रोकता है तो समझो उसका हज कबूल नहीं हुआ. कंपनीबाग जामा मसजिद के इमाम आले हसन ने कहा कि हाजियों को अपनी बाकी जिंदगी में नेकियों को उतारने की कोशिश करनी चाहिए. भले ही इसके लिए उसे कितनी भी तकलीफ क्यों न उठानी पड़े. मौलाना शाह अलवियुल कादरी ने कहा कि हाजियों को समाज की जरूरतों को देखते हुए उसे पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए. औरतों को सम्मान देना चाहिए व गरीबों के काम आना चाहिए. लिबास व हुलिया बदलने से नहीं होता हाजीमौलाना सैयद काजिम शबीब ने कहा कि लिबास व हुलिया बदलने से कोई हाजी या परहेजगार नहीं होता, बल्कि किरदार व अमल से ये साबित होना चाहिए. मौलाना इकबाल अहमद ने कहा कि अगर सलाहियत हो तो बगैर वक्त का इंतजार किये हुए हज पर चले जाना चाहिए. सभा को मौलाना मुफ्ती गुलाम हैदर मिसबाही सहित कई मौलाना ने तकरीर किया. समारोह का संचालन एसएम शकील ने किया. आयोजन में जफर आजम, रेयाज अहमद गुड्डू, अकील अहमद, मो जावेद लक्की, सैयद आमिर हुसैन, गुलाब खां, नसीम अहमद, इम्तियाज अहमद व मनौव्वर आजम की मुख्य भूमिका रही. समारोह में काफी संख्या में हज से लौटे हाजी मौजूद थे.