बिजी लाइफ में मन को रखे इजी, बढ़ेगा व्यापार
बिजी लाइफ में मन को रखे इजी, बढ़ेगा व्यापारफोटो दीपकव्यस्त जीवन में सहजता पर सेमिनार का आयोजनमुंबई से आयी राजयोग प्रशिक्षक दीपा बहन ने दिया व्याख्यानप्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जुटे व्यवसायीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर आज के व्यस्त जीवन में व्यस्त रहना तो स्वाभाविक है, लेकिन अगर हमने मन को इजी अर्थात् हलका रखना सीख लिया […]
बिजी लाइफ में मन को रखे इजी, बढ़ेगा व्यापारफोटो दीपकव्यस्त जीवन में सहजता पर सेमिनार का आयोजनमुंबई से आयी राजयोग प्रशिक्षक दीपा बहन ने दिया व्याख्यानप्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जुटे व्यवसायीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर आज के व्यस्त जीवन में व्यस्त रहना तो स्वाभाविक है, लेकिन अगर हमने मन को इजी अर्थात् हलका रखना सीख लिया तो हममें सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी. यह सुंदर संतुलन हमें हलका रखते हुए व्यापार में सफलता दिलायेगा. उक्त बातें मुंबई से आये दीपा बहन ने कही. वे रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में व्यस्त जीवन में सहजता विषय पर बोल रही थीं. समारोह की अध्यक्षता राजयोगिनी रानी दीदी ने की. मंच संचालन कंचन बहन ने किया. व्याख्यान के क्रम में उन्होंने कहा कि मन की ऊर्जा की बचत, श्रेष्ठ व समाधान की दिशा में चिंतन हमारे परख शक्ति व निर्णय शक्ति को जागृत रखता है. जिससे व्यापार में हम सही जगह व सही समय पर उचित निर्णय ले सकते हैं. इसके लिए संपर्क में आने वाले सभी व्यापारियों व ग्राहकों के प्रति शुभ भावना व सकारात्मक चिंतन हमारे संबंधों को मधुर व एकात्म बनाये रखता है. इससे समय पर हमें सभी का सहयोग मिलता है. इससे व्यापार में बड़ी से बड़ी समस्या सहज ही हल हो जाती है.श्रेष्ठ जीवन की कला सिखाता राजयोग राजयोग से मन को सकारात्मक व सरल रखने का प्रशिक्षण दिया जाता है. यही श्रेष्ठ जीवन जीने की कला है. राजयोग हमें मन का मालिक बनना सिखाता है. यह आध्यात्मिक व्यापार है. इसमें हम जितनी ऊर्जा लगाते हैं, उसके रिटर्न में हमें शांति, प्रेम, आनंद व खुशी मिलती है. प्रतिदिन एक घंटा राजयोग का अभ्यास करने से हमारे मन की स्थिति शांत, सकारात्मक व आनंदमय बन जाती है. दीपा बहन ने कहा कि जापान में वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया. जब एक गिलास पानी के ऊपर मेडिटेशन यानी सकारात्मक चिंतन का प्रयोग किया गया तो माइक्रोस्कोप से देखने पर उसके क्रिस्टल एकाकार रूप में हीरे के समान दिखे. जबकि बिना मेडिटेशन के एक गिलास जल को देखने पर क्रिस्टल बिखरे से नजर आये. ऐसे ही एक समूह में बैठे लेागों को एक खास तालाब में मेडिटेशन की तरंगे देने पर उस तालाब के जल में भी पानी के क्रिस्टल एक रूप में नजर आये. मेडिटेशन का प्रभाव हमारे स्वयं के तन पर व आसपास के वातावरण पर पड़ता है. इस मौके पर राजकुमार गोयनका, सुरेश कुमार अग्रवाल, रामाशीष पांडेय, श्रीराम बंका, रवि प्रकाश बोहरा, आनंद केडिया, लाजो केडिया, डॉ प्रवीण चंद्रा, बीके कपूर, कमलेश कपूर, एचएल गुप्ता, रामनाथ प्रसाद सिंह, त्रिलोकी प्रसाद वर्मा, रणवीर अभिमन्यु, नागेंद्र नाथ ओझा मुख्य रूप से मौजूद थे.