एमसीआइ के सवालों पर भौंचक रह गये डॉक्टर

एमसीआइ के सवालों पर भौंचक रह गये डॉक्टर- सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम में रखे बेड की साइज, आटोग्लेब में ड्रम व ट्रे की संख्या के सवालों का जवाब नहीं दे सके – डॉक्टर्स क्वार्टर, किचन, लांड्री व हाॅस्टल आदि की जानी स्थिति, स्टरलाइजेशन रूम में ताला बंद होने पर जतायी नाराजगीसंवाददाता, मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में एमसीआइ टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2015 8:05 PM

एमसीआइ के सवालों पर भौंचक रह गये डॉक्टर- सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम में रखे बेड की साइज, आटोग्लेब में ड्रम व ट्रे की संख्या के सवालों का जवाब नहीं दे सके – डॉक्टर्स क्वार्टर, किचन, लांड्री व हाॅस्टल आदि की जानी स्थिति, स्टरलाइजेशन रूम में ताला बंद होने पर जतायी नाराजगीसंवाददाता, मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में एमसीआइ टीम के दूसरे दिन के निरीक्षण में भी तमाम खामियां मिलीं. निरीक्षण के दौरान टीम के सवालों को सुनकर साथ चल रहे डॉक्टर भी भौंचक रह गये. एसकेएमसीएच के स्टरलाइजेशन रूम में ताला बंद रहने पर सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम में एमसीआइ की टीम पहुंची. यहां पर पैरामेडिकल की छात्राएं मिलीं. एमसीआइ टीम में शामिल डॉ बालकृष्ष्ण बी अदसूल ने सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम में रखे बेड की साइज पूछी. जवाब नहीं मिलने पर दूसरा सवाल किया.सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम में रखे आटोग्लेब के बारे में पूछा तो सभी बगले झांकने लगे. डॉ बी अदसूल ने पूछा कि आटोग्लेब में एक बार में कितने ड्रम व ट्रे को रखा जा सकता है? इसका जवाब देने में भी असहज महसूस होता देख वे खुद ही सेंट्रल स्टरलाइजेशन रूम से निकल गये. एमसीआइ टीम ने डॉक्टर्स क्वार्टर के साथ ही हाॅस्टल का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से भी हाॅस्टल के बारे में जानकारी प्राप्त की. एसकेएमसीएच के किचन में करीब पांच मिनट तक रुककर मरीजों को दिये जाने वाले भोजन आदि के बारे में पूरी जानकारी हासिल की. इसके अतिरिक्त लांड्री, दवा स्टोर आदि का भी निरीक्षण किया. निरीक्षण के समय एमसीआइ टीम के साथ एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ एसके शाही एवं कई डॉक्टर-कर्मचारी उपस्थित थे.

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