लावारिस बिटिया को मिला परिवार

लावारिस बिटिया को मिला परिवार- चाइल्ड वेलफेयर कम्यूटी ने अपनी देख-रेख में परिवार को सौंपा- मंगलवार की शाम लावारिस हालत में मिली थी नवजात बच्ची संवाददाता, मुजफ्फरपुर लावारिस हालत में मिली बिटिया को अब परिवार मिल गया है. ममता की छांव में उसे वह सभी खुशियां अब नसीब होंगी, जो उसे पैदा होने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 10:24 PM

लावारिस बिटिया को मिला परिवार- चाइल्ड वेलफेयर कम्यूटी ने अपनी देख-रेख में परिवार को सौंपा- मंगलवार की शाम लावारिस हालत में मिली थी नवजात बच्ची संवाददाता, मुजफ्फरपुर लावारिस हालत में मिली बिटिया को अब परिवार मिल गया है. ममता की छांव में उसे वह सभी खुशियां अब नसीब होंगी, जो उसे पैदा होने के बाद से ही मिलनी चाहिए थी. चाइल्ड वेलफेयर कम्यूटी ने सिकंदरपुर के उस दंपती को बच्ची को सौंप दिया है जिनका घर बच्चे की किलकारी के बगैर सूना पड़ा था. चाइल्ड वेलफेयर ने कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को दंपती के हवाले कर उसकी देखभाल की सलाह दी है.एक कोख ने बच्ची को जन्म दिया और उसे उस हालत में छोड़ दिया, जिसकी कल्पना कभी कोई मां नहीं कर सकती, तो दूसरी तरफ एक मां की गोद में कभी बच्चों की किलकारी नहीं गूंजी. इस बात का मलाल उस मां को आज भी है. तभी उसे जब इस बात की जानकारी हुई कि एक बिटिया लावारिस हालत में पड़ी हुई है तो उसके कदम बिटिया को लेने के लिए चल पड़े. बात बेबी झा और उनके पति अजय कुमार झा की है. परिवार में संतान न होने का गम उनसे बेहतर कोई महूसस नहीं कर सकता. यही वजह है कि हर शर्त को मानते हुए उन्होंने बिटिया को पालने का जिम्मा उठा लिया है. अजय कुमार झा पेशे से पुलिस विभाग में ड्राइवर के पद पर तैनात हैं. वे मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर कुंडल में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. छह महीने तक चाइल्ड वेलफेयर करती रहेगी जांच अजय कुमार झा व उनकी पत्नी बेबी झा को बेटी तो मिल गयी है, लेकिन चाइल्ड वेलफेयर छह महीने तक बिटिया की देखभाल की पूरी जांच समय-समय पर करती रहेगी. इन छह महीनों के बाद अगर कोई यह दावा जताता है कि यह बेटी उनकी है, तो इस पर पुलिस की देखरेख में डीएनए जांच होगी. डीएनए जांच में मैच होने पर ही बच्ची को बेबी झा से अलग किया जायेगा. अगर छह महीनों तक कोई भी दावा प्रस्तुत नहीं करता है, ताे बच्ची बेबी झा की होकर रहेगी.

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