बड़गांव-शंकरपुर सड़क का होगा निर्माण
मुजफ्फरपुर: पिलखी पुल से संपर्क सड़कों के खस्ता हाल से त्रस्त बंदरा प्रखंड के हजारों लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है. ग्रामीण कार्य विभाग की पहल पर बड़का गांव-शंकरपुर (तेपरी) वाया रतवारा तक साढ़े चौदह किलोमीटर सड़क निर्माण की कवायद शुरू हो गयी है. निर्माण की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग वन को सौंपी […]
मुजफ्फरपुर: पिलखी पुल से संपर्क सड़कों के खस्ता हाल से त्रस्त बंदरा प्रखंड के हजारों लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है. ग्रामीण कार्य विभाग की पहल पर बड़का गांव-शंकरपुर (तेपरी) वाया रतवारा तक साढ़े चौदह किलोमीटर सड़क निर्माण की कवायद शुरू हो गयी है. निर्माण की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग वन को सौंपी गयी है.
विभाग इसके लिए फिलहाल डीपीआर तैयार कर रही है. इसे दस दिनों के भीतर पूरा कर लिया जायेगा. यह जानकारी पथ निर्माण विभाग वन के कार्यपालक अभियंता सत्येंद्र कुमार सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण का कार्य अगले वर्ष बरसात से पूर्व पूरा कर लिया जायेगा. इसके लिए राशि ग्रामीण कार्य विभाग उपलब्ध करायेगी.
मुजफ्फरपुर-पूसा पथ स्थित बूढ़ी गंडक नदी पर 1280.696 लाख रुपये की लागत से पिलखी आरसीसी पुल का निर्माण 2012 में किया गया. बिहार राज्य पुल निगम ने दो वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद इसका निर्माण किया. सात फरवरी 2012 को इसका उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किया. इस पुल को बंदरा के तेपरी, पटशारा, सुंदरपुर रतवारा, मतलुपुर, रामपुर दयाल, पियर व पीरापुर पंचायत के लोगों के लिए वरदान माना गया. पुल के निर्माण से यहां के लोगों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 15 से 20 किमी की दूरी घटने की उम्मीद थी.
इससे क्षेत्र में कृषि व व्यवसाय के क्षेत्र में विकास की उम्मीद जगी. पर इसमें सबसे बड़ी बाधक पुल से इन पंचायतों को जोड़ने वाली संपर्क सड़कों का खस्ता हाल होना था. खुद मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार करते हुए उद्घाटन के समय संपर्क सड़क के निर्माण पर जोड़ दिया था. पर डेढ़ साल बाद भी यहां की जजर्र सड़कों का निर्माण नहीं हो सका. प्रभात खबर के 23 सितंबर 2013 को ‘पिलखी पुल के संपर्क मार्ग का खस्ता हाल, 12.80 करोड़ का पुल बेकार’ शीर्षक से खबर छाप कर इसे प्रमुखता से उठाया था. विभाग ने इसे संज्ञान में लेते हुए बड़गांव-शंकरपुर तक साढ़े चौदह किमी सड़क के निर्माण का फैसला लिया.