विशेषज्ञ डॉक्टरों के बगैर चल रहा जिला अस्पताल- मरीजों का इलाज करने वाले फिजिशियन के पास एमडी डिग्री नहीं- विशेषज्ञता नहीं होने से गंभीर रोगों का नहीं होता बेहतर इलाजवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिले का सरकारी अस्पताल बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के चल रहा. यह बात लोगों को भले ही हैरान करे, लेकिन सच यही है. जिला अस्पताल में रोज 500 से 700 मरीज इलाज के लिए आते हैं. उनमें आधे से अधिक मरीजों को फिजिशियन के परामर्श की जरूरत होती है. इनमें से कई मरीज गंभीर रूप से बीमार होते हैं. लेकिन उनके इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. जिस इलाज में ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़े, वहां सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर के सहारे ही काम लिया जा रहा है. डॉक्टर बताते हैं कि मेडिसीन में एमडी नहीं होने के कारण मरीजों के इलाज में फर्क पड़ता है. तीन वर्ष का मेडिसीन में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री नहीं होने के कारण डॉक्टर अधिकांश बीमारियों का मानक के अनुसार इलाज नहीं कर पाते.बीमारी की तह तक पहुंचाता है एमडी डिग्रीएमडी डिग्री बीमारियों की तह तक पहुंचाता है. यह डॉक्टरों की पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होती है जिसे एमबीबीएस के बाद करना होता है. एमबीबीएस पाठ्यक्रम में बीमारियों की चिकित्सा के बारे में बताया जाता है, लेकिन इसमें विशेषज्ञता की पढ़ाई नहीं होती. एमडी की डिग्री वाले फिजिशियन को बीमारी के इलाज में विशेषज्ञता होती है. बीमारी की पहचान के बाद वे बेहतर दवा बताते हैं. शहर के विशेषज्ञ डॉक्टर निशींद्र किंजल्क कहते हैं कि जिला अस्पताल में कम से कम दो एमडी डॉक्टर होना जरूरी है. एक फिजिशियन व दूसरा शिशु रोग विशेषज्ञ. तभी बेहतर इलाज संभव है. ::: बयान :::हमारे यहां कोई एमडी डॉक्टर नहीं है. पहले के डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं. नये डॉक्टर आये नहीं हैं. इस कारण केंद्रीय कारा में मरीजों की जांच के लिए डॉक्टर भेजने में समस्या होती है. इसके लिए एसकेएमसीएच के डॉक्टरों का सहयोग लेना पड़ता है.डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन
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विशेषज्ञ डॉक्टरों के बगैर चल रहा जिला अस्पताल
विशेषज्ञ डॉक्टरों के बगैर चल रहा जिला अस्पताल- मरीजों का इलाज करने वाले फिजिशियन के पास एमडी डिग्री नहीं- विशेषज्ञता नहीं होने से गंभीर रोगों का नहीं होता बेहतर इलाजवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिले का सरकारी अस्पताल बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के चल रहा. यह बात लोगों को भले ही हैरान करे, लेकिन सच यही है. जिला अस्पताल […]
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