छाया रहा शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में सेल बी की पहली बैठक मंगलवार को संपन्न हुई. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं के निपटारे के लिए बनी इस कमेटी की अध्यक्षता कुलानुशासक डॉ एके श्रीवास्तव ने की. बैठक में सेल के दो अन्य सदस्य आरडीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ एएन यादव व बुस्टा महासचिव डॉ अरुण कुमार […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में सेल बी की पहली बैठक मंगलवार को संपन्न हुई. शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं के निपटारे के लिए बनी इस कमेटी की अध्यक्षता कुलानुशासक डॉ एके श्रीवास्तव ने की. बैठक में सेल के दो अन्य सदस्य आरडीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ एएन यादव व बुस्टा महासचिव डॉ अरुण कुमार सिंह भी मौजूद थे. सदस्य सचिव सीसीडीसी डॉ विनोद कुमार सिंह शहर से बाहर होने के कारण इस बैठक में भाग नहीं ले सके.
पहली बैठक में सेल के सामने कुल चौदह मामले आये. इसमें से नौ मामले शिक्षकों के प्रोन्नति से जुड़े थे. ये सभी डेट शिफ्टिंग व सेलेक्शन कमेटी से मंजूरी के बाद भी प्रोन्नति नहीं होने से संबंधित था. सेल ने इन सभी मामलों के निष्पादन की जिम्मेदारी कुलपति को सौंपने का निर्णय लिया.
एक अन्य मामला उर्दू विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ तौकीर आलम की नियुक्ति से जुड़ा था. इसी विभाग के डॉ एजे खातून ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए वरीयता के आधार पर खुद को इस पद का उम्मीदवार बताया. इस संबंध में उन्होंने सेल के समक्ष कुछ साक्ष्य भी प्रस्तुत किये.
मामले का गंभीरता से लेते हुए सेल ने संबंधित फाइल साक्ष्यों के साथ कुलपति के पास भेजने का निर्णय लिया. बैठक में कर्मियों के रिटायरमेंट की अवधि का मामला भी उठा. भोपाल सिंह ने इस मामले को उठाते हुए अपने रिटायरमेंट को चुनौती दी.
इसके लिए उन्होंने मैट्रिक के प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि को आधार बनाया. उनके अनुसार प्रमाण पत्र के अनुसार उनके रिटायरमेंट का समय अभी बांकी है. पर तत्कालीन कुलपति डॉ राजदेव सिंह के समय सेवा काल 44 वर्ष पूरा हो जाने के कारण उन्हें रिटायर घोषित कर दिया गया. सेल ने मामले में संबंधित अधिकारियों से राय व नियमों के आधार पर फैसला लेने का निर्णय लिया.