कविता भवष्यि का सपना संजोयें होने का उपक्रम है: राजदेव

कविता भविष्य का सपना संजोयें होने का उपक्रम है: राजदेव राजदेव सिंहा के सम्मान में आयोजित हुआ कवि गोष्ठी संवाददाता, मुजफ्फरपुर. जमशेदपुर से आयें हिंदी कविता के कवि राजदेव सिंहा के सम्मान में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में आलोचक डॉ. रेवती रमण उपस्थित रहे. कार्यक्रम में उनकी कविताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 12:55 AM

कविता भविष्य का सपना संजोयें होने का उपक्रम है: राजदेव राजदेव सिंहा के सम्मान में आयोजित हुआ कवि गोष्ठी संवाददाता, मुजफ्फरपुर. जमशेदपुर से आयें हिंदी कविता के कवि राजदेव सिंहा के सम्मान में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में आलोचक डॉ. रेवती रमण उपस्थित रहे. कार्यक्रम में उनकी कविताओं का बखान किया. राजदेव सिंहा ने कहा कि मेरे लिए कविता अनुभूत अतीत, भोगते वर्तमान, भविष्य का सपना संजोयें, होने का उपक्रम है. मेरे लिए प्रकाश किरण, स्वर का आभा से नहीं, वरन ढाबा में पलते बच्चों, महानगर में संकरी गली के हैवानों के बीच दो जून रोटी का जुगाड़ करती अधेड़ महिला तथा समाधान की दिशा तलाशते अनबूझ, अनगिनत सवाल है. डॉ. रेवती रमण ने कहा कि राजदेव सिंहा की पहली कविता किरणों के इन्द्र धनुष के बाद दूसरा संग्रह उनके अंत करण के आयतन के साक्ष्य को प्रकट करता है. राजदेव सिंहा बनती हुई दुनिया और निर्माणाधीन लोकतंत्र को अत्यंत आत्मीय दृष्टि से देखते हैं. डॉ. संजय पंकज ने कहा कि कवि की व्यापक चिंता में समष्टि, व्यष्टि, समाज, संस्कृति, मूल्य और मनुष्यता, शोषण, दमन, उत्पीड़न, प्रपंच तथा जन्म विरोधी तमाम हथकंडों का उल्लेख उन्होंने किया है. कार्यक्रम में विजय वर्मा, रंजीत श्रीवास्तव, कुमार राहुल, रामायण कुमार, सतीश कुमार, मधुप कुमार, संजीत किशोर आदि मौजूद थे. स्वागत डॉ. राजीव कुमार ने तथा संचालन कवि श्यामल श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन रंजीत श्रीवास्तव ने किया.

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