करबला की झांकी देख गम में डूबे लोग

करबला की झांकी देख गम में डूबे लोग -कमरा मुहल्ला से निकाला गया आग मातम का जुलूस -दहकते शोलों पर नंगे पांव चलकर याद की इमाम की कुर्बानी संवाददाता, मुजफ्फरपुर चेहल्लुम की पूर्व संध्या पर कमरा मुहल्ला स्थित मैदान में करबला जंग की झांकी प्रस्तुत की गई. शिया समुदाय ने इमाम हुसैन की शहादत की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 11:07 PM

करबला की झांकी देख गम में डूबे लोग -कमरा मुहल्ला से निकाला गया आग मातम का जुलूस -दहकते शोलों पर नंगे पांव चलकर याद की इमाम की कुर्बानी संवाददाता, मुजफ्फरपुर चेहल्लुम की पूर्व संध्या पर कमरा मुहल्ला स्थित मैदान में करबला जंग की झांकी प्रस्तुत की गई. शिया समुदाय ने इमाम हुसैन की शहादत की याद में करबला का मैदान, खेमा व रेगिस्तान भरी जमीन बनाकर इमाम को याद किया. यजीद के जुल्म-ओ-सितम की दास्तान देखकर लोगों की आंखें नम हो गई. इस मौके पर कमरा मुहल्ला स्थित मोहम्मद टुटू के आवास पर आग मातम जुलूस निकाला गया. यह बनारस बैंक चौक, लकड़ी ढाही होते हुए कमरा मुहल्ला पहुंचा. लोगों ने जलती जमीन पर नंगे पांव चलकर इमाम की कुर्बानी की याद दिलाई. गम में डूबे लोग आग से दहकती जमीन पर नंगे पांव चलते गए.लेकिन उनके माथे पर तनिक भी पीड़ा की सिकन नहीं थी. या हुसैन की सदा में लगातार आग से गुजरते लोगों का कारवां बढ़ता रहा. हर उम्र के लोगों ने नंगे पांव आग पर चलकर इमाम की शहादत की पीड़ा को व्यक्त किया. इसके बाद लोगों ने मातम भी किया. इमाम सैयद काजिम शबीब ने कहा कि गम में डूबे हुए लोगों की पीड़ा इतनी है कि आग के दहकते शोले भी उनके सामने कुछ नहीं. -आज निकलेगा चेहल्लुम का जुलूस इमाम हुसैन की शहादत के 40 दिन होने पर आज कमरा मुहल्ला से चेहल्लुम का जुलूस निकलेगा. इमाम के प्रिय घोड़े जुलजुना की याद में नवाब रोड स्थित वारिस हुसैन के यहां से घोड़ा कमरा मुहल्ला पहुंचेगा. इसके बाद चेहल्लुम का जुलूस बनारस बैंक चौक होते हुए करबला तक जाएगा. इसमें इमाम हुसैन का ताबूत व अलम भी होगा. लोग काले पोशाक में रास्ते भर मातम करते जाएंगे. -मारका शाम का मजलूब बहन जीत आई चेहल्लुम के मौके पर हसन चक बंगरा स्थित सैयद जैदन अली यावर मंजिल में मजलिस की गई. जिसकी पेशखानी अब्बास यावर, वसीम अब्बास, हसन जामीन व मुजाहिद अब्बास ने की. खिताब मोहम्मद अकील अब्बास ने फरमाया. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन शाम की कैद से यजीज ने अहले हरम को रिहाई दी. उसके बाद इमाम की बहन जनाबे जैगम करबला गई व अपने भाई का चेहल्लुम किया. इस मौके पर अंजुमने हासमिया ने नोहाखानी कर लोगों को गमगीन कर दिया. नोहाखानी की एक शेर- करबला आई है शब्बीर से कहे जैनब, मारका शाम का मजलूब बहन जीत आई. शेर सुनने के बाद लोग मातम करते हुए जार-जार रोने लगे.

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