मुजफ्फरपुर: अतिसंवेदनशील कहे जाने वाले शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे पिछले दस दिनों से बंद हैं. जेल की सुरक्षा भगवान भरोसे ही चल रही है. यह तब है जब जेल में आधा दर्जन नक्सली व कई बड़े अपराधी भी बंद हैं. 1268 सजायाफ्ता व अंडर ट्रायल कैदी भी सजा काट रहे हैं. कैमरों के बंद होने की सूचना जेल मुख्यालय व आला अधिकारियों को दस दिन पहले
ही दे दी गयी. बावजूद इसे चालू करने की कोई कवायद नहीं हो रही है. जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने बताया, कैमरा बंद होने से कैदियों की गतिविधि पर नजर रखना मुश्किल है. हमेशा डर बना रहता है. सुरक्षाकर्मी हर घंटे वार्ड का मुआयना करते हैं.
कुल 25 कैमरों की नजर
केंद्रीय कारा में 25 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इनकी नजर सभी वार्ड, सेल व परिसर पर रहती है. कैमरों का डिस्प्ले जेल अधीक्षक के चैंबर में लगा है. वह वार्ड व जेल परिसर में क्या हो रहा है, इस पर नजर रखते हैं. नक्सली व बड़े अपराधियों पर भी कैमरे से ही नजर रखी जाती है.
बेलट्रॉन के कर्मचारी चलाते थे कैमरा
जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने बताया कि बेलट्रॉन कंपनी के दो कर्मचारी ही कैमरों की देखभाल करने के लिये तैनात थे, लेकिन दस महीनों से वेतन नहीं मिलने के बाद यहां से चले गये. इसके बाद सभी कैमरे बंद पड़ गये. इसकी जानकारी कंपनी के एमडी को पत्र लिख कर दी गयी. जेल मुख्यालय को भी पत्र लिखा गया. इसके बाद भी कैमरे चालू नहीं हुए.