खुले बोरवेल होंगे सील, सरकार ने मांगी रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर: शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में खुले बोरवेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार गंभीर है. छोटे बच्चों की सुरक्षा के ख्याल से नगर निगम के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकार ने आदेश जारी किया है. छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने गाइड लाइन भेजा है. ताकि बोरवेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2013 6:07 AM

मुजफ्फरपुर: शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में खुले बोरवेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार गंभीर है. छोटे बच्चों की सुरक्षा के ख्याल से नगर निगम के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकार ने आदेश जारी किया है. छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने गाइड लाइन भेजा है. ताकि बोरवेल या ट्यूब वेल से बच्चों को बचाया जा सके. इसके लिए सरकार ने बोरवेल की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में नगर आयुक्त सीता चौधरी को पत्र भेजा है. शहरी क्षेत्र में निगम के पंपों की स्थिति पर रिपोर्ट मांगा गया है. जहां कहीं भी पहले से पंप बंद है. उसे सील करने का निर्देश दिया गया है.

खतरनाक पंप हाउस होंगे सील : खतरनाक बोरवेल को लेकर सरकार की ओर से मिले आदेश के बाद निगम प्रशासन हरकत में आ गया है. निगम के जलकार्य अधीक्षक उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि जजर्र व बंद पड़े पंपों की सूची तैयार की जा रही है. पांच पंप हाउस जजर्र स्थिति में है. जलकार्य अधीक्षक ने बताया कि चंदवारा, जेल चौक व बीबी कॉलेजिएट पंप हाउस को चचरी से घेरा जायेगा.

जनहित में आया था मामला : जनहित में मामला आने के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया है. बताया गया है कि अलग-अलग राज्यों में बोरवेल व ट्यूबवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं हो चुकी है. केंद्रीय बाल अधिकार आयोग के सदस्य असीम श्रीवास्त ने इसको लेकर शिकायत दर्ज करायी थी.

विभागों को किया आगाह : बोरवेल व ट्यूबवेल की स्थिति से कई विभागों को आगाह किया गया है. खुले बोरवेल को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की बात कही गयी है. श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुभाष शर्मा ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग व ग्रामीण विकास विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है.

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