मृदा जांच से खेतों की उर्वरता बचाना संभव : निषाद

मृदा जांच से खेतों की उर्वरता बचाना संभव : निषादएनआरसी लीची में मना अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवसमुशहरी. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2015 को अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस घोषित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम को गंभीरता से लेते हुए इसे देश में पांच वर्षों तक मनाने का फैसला लिया है. इस कार्यक्रम के तहत उपजाऊ भूमि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 9:25 PM

मृदा जांच से खेतों की उर्वरता बचाना संभव : निषादएनआरसी लीची में मना अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवसमुशहरी. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2015 को अंतर्राष्ट्रीय मृदा दिवस घोषित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम को गंभीरता से लेते हुए इसे देश में पांच वर्षों तक मनाने का फैसला लिया है. इस कार्यक्रम के तहत उपजाऊ भूमि के स्थवास्थ्य की जानकारी किसानों को देकर आवश्यकतानुसार उर्वरक, जैव उर्वरक व अन्य कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. उक्त बातें शनिवार को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र में शनिवार को आयोजित विश्व मृदा दिवस सह मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद अजय निषाद ने कही. सांसद ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से भूमि कि उर्वरा शक्ति बनाये व बचाये रखना संभव होगा. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगर विधायक सुरेश शर्मा ने उपस्थित किसानों से कहा कि अपने लीची बागानों व सामान्य खेतों की उर्वरा शक्ति बचाये रखने के लिए अनुसंधान केंद्र की अनुशंसित उपायों का उपयोग करें. इससे खेतों कि उर्वरा शक्ति बनी रहेगी. पांच वर्षों तक अनवरत चलने वाले उक्त कार्यक्रम की मॉनिटिरंग एनआरसी लीची के वरीय वैज्ञानिक डॉ एसडी पांडे, डॉ अमरेंद्र कुमार, डॉ आरके पटेल, डॉ गोपाल कुमार व डॉ स्वाति शर्मा करेंगी. मौके पर सांसद व विधायक ने 20 लीची उत्पादक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया. मौके पर पूर्व कुलपति डॉ गोपाल जी त्रिवेदी, केंद्र के निदेशक डाॅ विशालनाथ, डॉ एसके पूर्वें, डॉ कुलदीप श्रीवास्तव, डॉ बिनोद कुमार, डॉ आलोक कुमार, डॉ नीतू कुशवाहा, राजीव रंजन सहित कई मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डॉ अमरेंद्र कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ गोपाल कुमार ने किया.

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