निदेशक माध्यमिक शक्षिा व अन्य पर निगरानी में केस
निदेशक माध्यमिक शिक्षा व अन्य पर निगरानी में केस -मुजफ्फरपुर के डीएम व डीइओ भी आरोपियों में शामिल -प्रभावहीन दानपत्र पर अनुदान राशि के बंदरबांट का आरोप -सुनवाई के लिए कोर्ट ने 2 जनवरी 2016 की तिथि तय की संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रभावहीन व अवैध दानपत्र पर स्कूल को मान्यता देने व उसकी आड़ में सरकार […]
निदेशक माध्यमिक शिक्षा व अन्य पर निगरानी में केस -मुजफ्फरपुर के डीएम व डीइओ भी आरोपियों में शामिल -प्रभावहीन दानपत्र पर अनुदान राशि के बंदरबांट का आरोप -सुनवाई के लिए कोर्ट ने 2 जनवरी 2016 की तिथि तय की संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रभावहीन व अवैध दानपत्र पर स्कूल को मान्यता देने व उसकी आड़ में सरकार से मिलने वाले अनुदान का बंदरबांट करने का मामला सामने आया है. सोमवार को निगरानी न्यायालय में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत निदेशक माध्यमिक शिक्षा सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि तीन दशक से शिक्षा विभाग के अधिकारी फरजी कागजात के आधार पर अनुदान का राशि का उठाव कर रहे हैं. न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए दो जनवरी 2016 की तिथि निर्धारित की है. बरुराज थाना क्षेत्र के बुल-बुलवा निवासी शशि भूषण चौधरी ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत विशेष निगरानी न्यायालय में मामला दर्ज कराया है. इसमें माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक कुमार विनोद, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी, जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर धर्मेंद्र कुमार, डीइआे गणेश दत्त झा व मोतीपुर प्रखंड अंतर्गत जयंती कुंवर उच्च विद्यालय के प्राचार्य कुलदीप कुमार सिंह व अन्य को आरोपी बनाया गया है. वादी के मुताबिक घटना दो अक्तूबर 1986 से अब तक की है. बताया है कि एक लिखित प्रतिवेदन आरोपी निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार को दिया कि मुस्मात श्रमवंती द्वारा निष्पादित दानपत्र, जो राजकीय उच्च विद्यालय बुल-बुलवा के पक्ष में किया गया है, वह अवैध व प्रभावहीन है. ऐसे में उक्त भूमि स्कूल की संपत्ति नहीं मानी जा सकती. न ही उसके आधार पर स्कूल को मान्यता दी जा सकती है. इसको लेकर 12 जनवरी 1990 को डीइओ को भी आवेदन दिया था. लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई करने की बजाय आरोपियों ने मिली-भगत कर उक्त स्कूल के नाम पर फरजी कागजों के आधार पर सरकार से मिलने वाले अनुदान राशि का उठाव कर आपस में बंदरबांट कर रहे हैं.