हवाला का काम करते थे पकड़े गये तस्कर
हवाला का काम करते थे पकड़े गये तस्कर- शहर से हवाला का पैसा लेकर 25 बार नेपाल में संतोष जैन व कृष्णा जैन को पहुंचाया था- विश्वासी होने के कारण दोनों को हवाला के बाद सोने की तस्करी में लाया गया- वीरगंज से अपने दोनों बेटे के जरिये सोना मंगवाता था संतोष सुनील कुमार सिंह, […]
हवाला का काम करते थे पकड़े गये तस्कर- शहर से हवाला का पैसा लेकर 25 बार नेपाल में संतोष जैन व कृष्णा जैन को पहुंचाया था- विश्वासी होने के कारण दोनों को हवाला के बाद सोने की तस्करी में लाया गया- वीरगंज से अपने दोनों बेटे के जरिये सोना मंगवाता था संतोष सुनील कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर नेपाल से सोना तस्करी से पहले सुमित गोयनका व अवधेश पांडे हवाला का काम किया करते थे. शहर की मंडी से पैसे लेकर दोनों नेपाल में संतोष जैन के यहां पहुंचाया करते थे. दोनों 25 लाख से 75 लाख रुपये लेकर नेपाल जाया करते थे. नेपाल पहुंचाने के लिए यह पैसा अर्जुन, राजेश व नरेश दिया करते थे. अर्जुन व नरेश का जर्दा का कारोबार था. सुमित व अवधेश ने 25 बार हवाला का पैसा शहर से नेपाल में संतोष जैन व कृष्णा जैन को पहुंचाया था. अवधेश पांडे व सुमित गोयनका के विश्वासी होने के कारण हवाला के धंधे के बाद इन्हें सोने की तस्करी में उतारा गया. स्वर्णकार का भरोसे का आदमी होने के कारण इन दोनों को मोटी रकम लेकर संतोष जैन के पास सोना तस्करी के लिए भेजा जाता था. दीपावली के समय सुमित व अवधेश एक-दूसरे से मिले कस्टम अधिकारी को पूछताछ के दौरान सुमित ने बताया कि वह अवधेश पांडे को दीपावली के समय से जानता है. उससे पहले अवधेश राजा के यहां काम किया करता था. लेकिन सोने की तस्करी के लिए अवधेश से जान-पहचान दीपावली के समय हुई थी. सुमित अवधेश के साथ तीन बार सोने की बिस्कुट नेपाल से लेकर मुजफ्फरपुर लाया था. चौथी बार वह बिस्कुट लेकर अवधेश के साथ नेपाल से आ रहा था. सुमित ने बताया कि वह संतोष जैन के बेटे का पैसा भी लेकर मुजफ्फरपुर से नेपाल जाया करता था. इसके एवज में उसे एक लाख में सौ रुपये कमीशन मिलता था. संतोष जैन के बेटे का पैसा एक खेप में 15 से 25 लाख के बीच होता था. वीरगंज से अपने दोनों बेटे के जरिये सोना मंगाता था संतोष सुमित व अवधेश ने पूछताछ में बताया कि रक्सौल में कृष्ण कुमार जैन उर्फ पप्पू जैन व इनके बड़े भाई संतोष जैन वीरगंज से सोने की तस्करी अपने दोनों पुत्र सौरभ जैन व विक्की जैन के माध्यम से रक्सौल में अपने भाई कृष्णा कुमार जैन के पास मंगवाते थे. उसके बाद कृष्णा जैन के पास से ही अन्य लोगों को सोने का बिस्कुट दिया करते थे.