जब बंद कर दी आपूर्ति तो कहां से आये गेहूं बीज
जब बंद कर दी आपूर्ति तो कहां से आये गेहूं बीज किसानों की मांगों का कारोबारियों ने उठाया फायदादूसरे जिले से यहां बेचा गया गेहूं का बीज देवरिया कांड के बाद इन बीजों का वितरण नहीं दो प्रभेद दी नहीं बाजार में बिक रहा बीज वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीज अंकुरण पर मचे बवाल में एक […]
जब बंद कर दी आपूर्ति तो कहां से आये गेहूं बीज किसानों की मांगों का कारोबारियों ने उठाया फायदादूसरे जिले से यहां बेचा गया गेहूं का बीज देवरिया कांड के बाद इन बीजों का वितरण नहीं दो प्रभेद दी नहीं बाजार में बिक रहा बीज वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीज अंकुरण पर मचे बवाल में एक और नया मोड़ आ गया है. टीडीसी के अधिकृत वितरक ए ए इंटरप्राइजेज ने कहा कि पीबीडब्ल्यू 343 किस्म 2500 क्विंटल, पीबीडब्ल्यू 373 किस्म 1500 क्विंटल और पीबीडब्ल्यू 502 किस्म 2500 क्विंटल आपूर्ति करनी थी. लेकिन, बीज में अंकुरण की शिकायत पर आपूर्ति बंद कर दी गई. किसानों के बीच इन बीजों की मांगों का कारोबारियों ने पूरा फायदा उठाया. पारू के देवरिया में बीज में अंकुरण की शिकायत आने के बाद सभी बीज विक्रेताओं से इन प्रभेदों का गेहूं बीज वापस करा लिया. दुकानों को दिये लगभग चार सौ क्विंटल बीज वापस करा लिये. घटना के करीब एक माह हो गये. लेकिन इसके बाद भी बाजार में इन बीजों की बिक्री होती रही. इसकी आपूर्ति ए ए इंटरप्राइजेज ने नहीं की. यहां चार आपूर्तिकर्ता हैं. इनमें कई आपूर्तिकर्ताओं ने बीज की आपूर्ति जारी रखा. बीज में अंकुरण की शिकायत आने के बाद कोई भी बिलिंग नहीं की. इसकी जांच भी अधिकारियों को कराने की जरूरत है. प्राइवेट बीज कंपनियों के नेटवर्क पर रोक लगाने के लिए अभी तक खास पहल नहीं हुई है. इसके साथ ही पीबीडब्ल्यू 2733 और डब्ल्यूएच 542 किस्म की आपूर्ति नहीं की गई. दोनों प्रभेद बाजार में धड़ल्ले से बिक्री हुई. कंपनी ने बस 12500 क्विंटल बीज की आपूर्ति की है. इनमें अनुदानित और गैर अनुदानित दोनों है. लेकिन जिले में बीज की खपत 90 से 95 हजार क्विंटल है. और बीज कहां से आये? बड़ा सवाल है.