भटकाव रोकने को पढ़ाई के साथ हो खेल की व्यवस्था
भटकाव रोकने को पढ़ाई के साथ हो खेल की व्यवस्था -बाल अधिकारी सेमिनार में बोले हाईकोर्ट के रिटायर जज वीएन सिन्हा फोटो:: दीपक संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रेस क्लब सभागार में सोमवार को बाल अधिकार सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें बाल अधिकार से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. सेमिनार का उद्घाटन हाईकोर्ट […]
भटकाव रोकने को पढ़ाई के साथ हो खेल की व्यवस्था -बाल अधिकारी सेमिनार में बोले हाईकोर्ट के रिटायर जज वीएन सिन्हा फोटो:: दीपक संवाददाता, मुजफ्फरपुर प्रेस क्लब सभागार में सोमवार को बाल अधिकार सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें बाल अधिकार से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. सेमिनार का उद्घाटन हाईकोर्ट के रिटायर जज वीएन सिन्हा ने किया. साथ में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष निशा निशा झा, एसएसबी के उप महानिरीक्षक संजय कुमार, डीएम धर्मेंद्र सिंह व एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र भी थे. श्री सिन्हा ने कहा कि समेकित प्रयास से ही समस्या का समाधान किया जा सकता है. समाज का विकास तभी होगा जब सभी बच्चों का विकास होगा. शिक्षा व्यक्ति को जिम्मेदार नागरिक बनाता है. कहा कि सभी विद्यालयों में शिक्षा के साथ खेल की भी सुविधा होनी चाहिए, ताकि बच्चों का भटकाव गलत दिशा में न हो. इसके लिए सामाजिक सुरक्षा व शिक्षा विभाग को मिलकर काम करना होगा. आयोग की अध्यक्ष श्रीमती झा ने कई उदाहरण से बाल अधिकार हनन के बारे में जानकारी दी. डीएम ने कहा कि बच्चे अपने परिवार से जुड़ें यह हमारा प्रयास होना चाहिए. बालकों को समाज में विशेष अधिकार दिए गए हैं. बच्चा जब मां की कोख में आ जाता है तभी से समाज का दायित्व है कि उसे सुरक्षा प्रदान करें. बच्चों के सभी अवस्था के लिए कानून बनाए गए हैं. समाज और सरकार का दायित्व है कि भटकाव के चलते गलत राह पर जा रहे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करें. हेल्प लाइन के टोल फ्री नंबर-1098 के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया. एसएसबी के उप महानिरीक्षक ने मानव व्यापार के शिकार 194 बच्चों के बचाने की जानकारी दी. कहा कि मानव तस्कर पर आइपीसी की कई धारा लगाई जा सकती है. साथ ही आइटी एक्ट के तहत डीएम किसी भी होटल, घर या विशिष्ट स्थल को प्रतिबंधित कर सकते हैं. एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले कुछ सालों में विशेष किशोर पुलिस यूनिट ने 234 गुमशुदा बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाया.