आपने तय किया बाहरी लड़ायेंगे, हमने भी तय कर लिया हरायेंगे

मुजफ्फरपुर : विधानसभा चुनाव में जिले में पार्टी की हार की समीक्षा करने पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को कार्यकर्ताओं के तल्ख शब्दों का सामना करना पड़ा. साहेबगंज सीट की समीक्षा के दौरान जिला उपाध्यक्ष राम निवास सिंह ने तो सीधे उन पर निशाना साधते हुए कहा, आपने तय कर लिया था कि हम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2015 5:20 AM
मुजफ्फरपुर : विधानसभा चुनाव में जिले में पार्टी की हार की समीक्षा करने पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को कार्यकर्ताओं के तल्ख शब्दों का सामना करना पड़ा.
साहेबगंज सीट की समीक्षा के दौरान जिला उपाध्यक्ष राम निवास सिंह ने तो सीधे उन पर निशाना साधते हुए कहा, आपने तय कर लिया था कि हम लड़ायेंगे (चुने प्रत्याशियों को), तो हमने (जिला कमेटी) भी तय कर लिया था कि उन्हें हरायेंगे. हालांकि, नाराज होने के बजाय मोदी ने अपनी बात खुल कर बोलने के लिए उनकी सराहना की. कहा, हार की समीक्षा के आपने तय िकया…दौरान पहली बार किसी ने खुले मन से सच बोला है.
वहीं, कार्यकर्ताओं ने जिले की अन्य सीटों पर हार का कारण प्रत्याशियों का बाहरी होना बताया. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश महामंत्री सुधीर शर्मा, भाजपा युवा मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा, विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर व जिलाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह की मौजूदगी में जिला कार्यालय में पांच विधानसभा सीटों पर हार की समीक्षा की. इसके लिए प्रत्येक सीट से मंडल पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया. समीक्षा के दौरान कार्यकर्ता खुल कर अपनी बात कह सकें, इसके लिए प्रत्याशियों को उससे अलग रखा गया. साहेबगंज व मीनापुर के कार्यकर्ताओं ने हार के लिए आम कार्यकर्ताओं की जगह बाहर से प्रत्याशी थोप दिये जाने को जिम्मेवार बताया.
वहीं, सकरा सीट पर हार के लिए वहां के कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी अर्जुन राम के मिस मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया. प्रदेश उपाध्यक्ष राम कुमार झा सहित अन्य कार्यकर्ताओं का कहना था कि चुनाव अभियान समिति प्रचार के लिए जो भी रणनीति तैयार करते थे, प्रत्याशी आखिरी क्षणों में उसे बदल देते थे.
वहीं, औराई व गायघाट में हार की वजह एंटी इनकाॅम्बेंसी को बताया गया. कार्यकर्ताओं का तर्क था पूरे कार्यकाल के दौरान कुछ खास क्षेत्र में ही तत्कालीन विधायक रहे. दोनों प्रत्याशियों के खिलाफ लोगों में खासी नाराजगी थी. बरूराज सीट की भी समीक्षा होनी थी, लेकिन पूर्व विधायक ब्रजकिशोर सिंह के निधन होने के कारण नहीं हो सकी.
धरना पर बैठे जिला प्रवक्ता
साहेबगंज सीट की समीक्षा के दौरान जिला प्रवक्ता देवांशु किशोर को बैठक में शामिल नहीं किया गया. इससे नाराज होकर वे जिला कार्यालय की सीढ़ी पर ही धरना पर बैठ गये. करीब डेढ़ घंटे तक समीक्षा बैठक चली, तब तक वे वहीं बैठे रहे. उन्होंने जिला कमेटी पर कार्यकर्ताओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया. कहा, इसी उद्देश्य से समीक्षा बैठक में पुलिस बल को बुलाया गया है. श्री किशोर खुद साहेबगंज सीट पर अपनी उम्मीदवारी का दावा किया था. यही नहीं जब इस सीट पर राजू सिंह राजू को उम्मीदवार तय कर दिया गया, तो उनके नेतृत्व में ही वहां के कार्यकर्ताओं ने चुनाव तक उनका विरोध जारी रखा.
जातीय गोलबंदी व बोगस वोटिंग से हारे : मोदी
समीक्षा बैठक के बाद सुशील मोदी ने हार की सबसे बड़ी वजह जातीय गोलबंदी को बताया. कहा, भाजपा इस चुनाव को विकास के मुद्दे पर लड़ना चाहती थी, लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार ने इसे विकास बनाम जातिवाद का रूप दे दिया. खासकर लालू प्रसाद यादव ने इसकी कमान संभाली. उन्होंने चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया. फिर चुनाव के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा से संबंधित बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर, जनता को भ्रमित करने का काम किया.
हार की दूसरी वजह उन्होंने बोगस वोटिंग को बताया. उन्होंने कहा, वोटर पर्ची को पहचान पत्र नहीं माना जा सकता है, लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार इसका उपयोग इसी तरह से किया. अकेले मुजफ्फरपुर में 40 प्रतिशत से अधिक वोट वोटर पर्ची से पड़े. इसमें काफी संख्या में वोट बोगस होने की भी आशंका है.

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