सरकारी व नशे की दवा बेचता दुकानदार धराया, एफआइआर
सरकारी व नशे की दवा बेचता दुकानदार धराया, एफआइआरस्वास्थ्य विभाग ने गोशाला रोड में न्यू जनता स्टोर में की छापेमारीजांच में बड़ी मात्रा में फिजिशियन सैंपल व एक्सपायर की दवा बरामदजांच के दौरान ही मौके से फरार हुआ प्रोपराइटर मोइन अहमदवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . अमानक दवाओं के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के क्रम में […]
सरकारी व नशे की दवा बेचता दुकानदार धराया, एफआइआरस्वास्थ्य विभाग ने गोशाला रोड में न्यू जनता स्टोर में की छापेमारीजांच में बड़ी मात्रा में फिजिशियन सैंपल व एक्सपायर की दवा बरामदजांच के दौरान ही मौके से फरार हुआ प्रोपराइटर मोइन अहमदवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . अमानक दवाओं के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के क्रम में बुधवार को सरकारी व नशा सेवन की दवा बेचते दुकानदार धराये. स्वास्थ्य विभाग की टीम जब गोशाला रोड स्थित खादी भंडार के समीप न्यू आजाद मेडिकल स्टोर में छापेमारी की तो सरकारी दवा देख जांच अधिकारी भी हैरत में पड़ गये. इतना ही नहीं ड्रग एक्ट के तहत प्रतिबंधित दवा भी दवा दुकान में मिली. जिसकी बिक्री के लिए अलग से लाइसेंस की जरूरत होती है. जांच टीम को बेहोशी व नशे की सूई एटाजेड 50 की छह वायल मिली. जांच के समय प्रोपराइटर मोइन अहमद मौजूद थे. लेकिन भीड़ का फायदा उठाकर वे भाग निकले. जांच टीम ने दवाओं को जब्त करने के बाद मिठनपुरा थाने में एफआइआर दर्ज कराया. फिजिशियन सैंपल की दस दवाएं बरामदजांच टीम को फिजिशियन सैंपल की दस दवाएं मिली. सरकारी दवाओं में सुरेकाबैक्टीन व लामा सहित अन्य दवाएं थी. जिसकी आपूर्ति बीएमआइसीएल व बीसीआइ दानापुर से की गयी थी. टीम ने इंजेक्क्शन के 36 वॉयल व 10 कैप्सूल को जब्त कर लिया. इसके अलावा दस दवाएं एक्सपायर मिली. जिसे दुकान में बिक्री के लिए रखा गया था. टीम में अनुज्ञापन पदाधिकारी जावेदुल हक, नजीमुल रहमान, ड्रग इंस्पेक्टर ललन कुमार सिन्हा, वसीम अख्तर व रईस आलम शामिल थे…………………………………दवा दुकान में कैसे पहुंची सरकारी दवादुवा दुकानों में सरकारी दवा कैसे पहुंची, यह हैरत की बात है. नये सिस्टम के तहत अब दवा वितरण का आइटम के हिसाब से ऑन लाइन भरना है. साथ ही दवा के साथ पुरजा नंबर व मरीज का नाम भी लिखना है. ऐसी स्स्थिति में सरकारी दवा दुकान तक कैसे पहुंची. इसकी जांच में पदाधिकारी जुटे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर ललन कुमार ने कहा कि प्रोपराइटर के गिरफ्तार होने के बाद ही पता चलेगा कि वे कहां से दवा लाते थे. वे सीएस को इसकी रिपोर्ट देंगे. सीएस डॉ ललिता सिंह ने कहा की सरकारी दवा बेचना गैरकानूनी है. रिपोर्ट मिलने के बाद वे जांच टीम गठन कर इसकी जांच करायेंगी.