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अलाव के लिए जिले को मिले सर्फि1.5 लाख

अलाव के लिए जिले को मिले सिर्फ1.5 लाखबारह से पंद्रह सौ क्विंटल है सूखी लकड़ी उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर शीतलहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलाव जलाने के लिए जिले को 1.5 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है. हालांकि इतनी कम राशि से पांच दिन अलाव जलाना संभव नहीं है. आपदा प्रशाखा ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2015 10:04 PM

अलाव के लिए जिले को मिले सिर्फ1.5 लाखबारह से पंद्रह सौ क्विंटल है सूखी लकड़ी उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर शीतलहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलाव जलाने के लिए जिले को 1.5 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है. हालांकि इतनी कम राशि से पांच दिन अलाव जलाना संभव नहीं है. आपदा प्रशाखा ने आवंटित राशि को नगर निगम, अंचल व नगर पंचायतों में उपआवंटित कर दिया गया है. सबसे अधिक नगर निगम को पचास हजार व अधिक पंचायत वाले प्रखंड मीनापुर, सकरा, कुढ़नी, सरैया व पारू को छह-छह हजार रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. शेष सभी अंचलों को पांच-पांच हजार रुपये की राशि आवंटित की गयी है. जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने उपआवंटित राशि का दूसरे मद में विचलन नहीं करने का निर्देश देते हुए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने को कहा है. विशेष तौर पर ऐसे स्थान, जहां पर गरीब व असहाय लोग अधिक जमा होते हैं, वहां लगातार अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.शीतलहर के बढ़ने के साथ लकड़ी की कीमत आसमान छूने लगी है. बाजार में बारह से पंद्रह सौ रुपये क्विंटल सूखी लकड़ी बिक रही है. इस स्थिति में जिले को अलाव के लिए मिली राशि से कितने अलाव की व्यवस्था हो सकती है, इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है. अंचलों को अलाव के लिए मिले पांच हजार रुपये से पांच क्विंटल लकड़ी खरीद हो सकती है. एक अंचल में कम से कम बीस पंचायत हैं. इस हिसाब से एक पंचायत के हिस्से में मात्र बीस किलो लकड़ी ही आयेगी.

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