श्रीमद भागवात के उपासना से दासी के पुत्र से बने नारद

श्रीमद भागवात के उपासना से दासी के पुत्र से बने नारद फोटो::::दीपक मुजफ्फरपुर. अहियापुर थाने के सहवाजपुर अंबेदकर कॉलनी में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित धीरज झा धर्मेश ने महर्षी नारद जी के जीवनी का विस्तृत वर्णन किये. उन्हाने बताया कि नारद पूर्व के जन्म में दासी के पुत्र थे. श्रीमद् भागवत जी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 10:03 PM

श्रीमद भागवात के उपासना से दासी के पुत्र से बने नारद फोटो::::दीपक मुजफ्फरपुर. अहियापुर थाने के सहवाजपुर अंबेदकर कॉलनी में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन पंडित धीरज झा धर्मेश ने महर्षी नारद जी के जीवनी का विस्तृत वर्णन किये. उन्हाने बताया कि नारद पूर्व के जन्म में दासी के पुत्र थे. श्रीमद् भागवत जी के उपासना करने से कैसे दासी के पुत्र का दूसरे जन्म में बह्मा के पुत्र के रूप में जन्म हुआ. आगे उन्होने कथा के प्रसंग में वेद व्यास जी के मन में असंतोष,देवर्षी नारद से मिलन,नारद जी द्वारा अपने पिछले जन्म का वर्णन,वेद व्यास को श्रीमद् भागवत महा पुरान का निर्माण करने हेतु प्रेरित करने से 18 हजार श्लोक वाला पुरान का निर्माण हुआ. निरगुन निराकार बह्म के उपासक सुकदेव जी महाराज के द्वारा सगुनरुप श्री कृष्ण की उपासना करने हेतु शिष्यो द्वारा भागवत के दो श्लोक श्रवण कराना,सुकदेव जी का वेद व्यास के आश्रम में आगमन. कथा के अंत में ग्रामिण कन्याओं के द्वारा श्रीमद् भागवत जी की आरती उतारी गयी. कथा का आयोजन मुख्य रूप से कन्हैया झाा,प्रभात कुमार,उपेंद्र साह, महेश राय,डॉ वीपी मंडल, मुनचुन जी,शिवजी राय, संतोष राय, नरेश राय सहित सभी ग्रामिण किये.

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