संत गाडगे के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत
संत गाडगे के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत संत गाडगे की 59 पुण्य तिथि पर कार्यक्रम में बोलीं मेयर वर्षा सिंहसकरा विधायक बोले, समाज में वैचारिक बदलाव की जरूरत वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरमेयर वर्षा सिंह ने कहा है कि संत गाडगे के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है. इनकी जीवनी से सीखकर समाजिक बुराइयों […]
संत गाडगे के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत संत गाडगे की 59 पुण्य तिथि पर कार्यक्रम में बोलीं मेयर वर्षा सिंहसकरा विधायक बोले, समाज में वैचारिक बदलाव की जरूरत वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरमेयर वर्षा सिंह ने कहा है कि संत गाडगे के गुणों को आत्मसात करने की जरूरत है. इनकी जीवनी से सीखकर समाजिक बुराइयों को समाप्त किया जा सकता है. मेयर वर्षा सिंह सिकंदरपुर धोबी घाट स्थित संत गाडगे सेवा परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं. संत गाडगे की 59 पुण्य तिथि पर सकरा विधायक लाल बाबू राम ने कहा, लोगों को इनके जीवन से सीखना होगा. शिक्षा की बदौलत लोग देश, समाज व दुनिया को समझ सकते हैं. समाज में वैचारिक बदलाव की जरूरत है. पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा, समाज को उनके आदर्शों पर चलकर वैचारिक रूप से समृद्ध होने की जरूरत है. कार्यक्रम का संचालन शिशिर कुमार नीरज ने किया. राज्य मछुआ आयोग के उपाध्यक्ष मणिभूषण निषाद, देवन रजक, रूबी कुमारी, प्रो संगीता, सविता जायसवाल, रामानंद रजक, भीम बलि सहनी, राम बाबू पटेल, भारत भूषण बैठा, धर्मेंद्र पासवान, विनोद बैठा, अजय रजक, सीता देवी, रामेश्वर रजक,परीक्षण चौधरी ने संबोधित किया. धार्मिक आडंबर, दहेज प्रथा, मद्यपान के विरोधी थे संत गाडगे अखाड़ाघाट स्थित नारायणी मार्केट में हुआ कार्यक्रम बोलीं बोचहां विधायक बेबी कुमारी, सरकारी स्तर पर हो कार्यक्रम मुजफ्फरपुर. संत गाडगे संस्थान व अखिल भारतीय धोबी महासंघ की ओर से अखाड़ाघाट रोड स्थित नारायणी मार्केट में संत गाडगे की 59 वीं पुण्य तिथि का आयोजन रविवार को किया गया. अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न रजक ने की. मुख्य अतिथि बोचहां विधायक बेबी कुमारी ने कहा, बिहार के अन्य महापुरुषों के संत गाडगे की जयंती व पुण्य तिथि पर सरकारी अवकाश घोषित करने की जरूरत है. संत गाडगे की याद में जगह-जगह सरकारी स्तर पर भी कार्यक्रम होने चाहिए. कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक सह संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रह्लाद कुमार ने किया. उन्होंने कहा, संत गाडगे ने अपना समस्त जीवन मानव कल्याण में समर्पित किया. मुख्य वक्ता डॉ विजय कुमार, डॉ वीरेंद्र चौधरी, सुरेश प्रसाद ने कहा, संत गाडगे सदैव धार्मिक आडंबर, छूआछूत, बाल विवाह, दहेज प्रथा, मद्यपान व नशापान के विरोधी थे. वे समरस समाज के हितैषी थे. हमेशा समाज के हर वर्ग को शिक्षित बनाने की पैरोकारी करते रहे. रविनाथ रजक, जय मंगल रजक, लाल बाबू रजक, कमल किशोर चौधरी, अजय रजक, रमणीकांत बैठा, सुरेश रजक, महेश चौधरी, पारस रजक, तुलसी रजक, अनिल रजक, लल्लू रजक ने संबोधित किया.