सामान्य आदमी तक हो शक्षिा की पहुंच

सामान्य आदमी तक हो शिक्षा की पहुंचनई शिक्षा नीति पर एक दिवसीय विमर्शप्रतिनिधि, कुढ़नीशिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय तुर्की, में बुधवार को केन्द्र सरकार की प्रस्तावित नई शिक्षा नीति की दिशा, दशा व दृष्टिकोण विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रमंडल स्तरीय इस कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय व अजीम प्रेमजी फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 10:20 PM

सामान्य आदमी तक हो शिक्षा की पहुंचनई शिक्षा नीति पर एक दिवसीय विमर्शप्रतिनिधि, कुढ़नीशिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय तुर्की, में बुधवार को केन्द्र सरकार की प्रस्तावित नई शिक्षा नीति की दिशा, दशा व दृष्टिकोण विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्रमंडल स्तरीय इस कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय व अजीम प्रेमजी फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. इसका उद‍्घाटन सीतामढ़ी के डीइओ जेपी शर्मा, आरडीडीई विमला कुमारी व प्राचार्य डॉ. सुभाष चन्द्र झा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यशाला में विद्यालय में ठहराव और समानता की शिक्षा, समान शिक्षा के अवसर और समावेशी शिक्षा प्रणाली, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के मायने और इसको फलीभूत करनेवाले कारक तथा उच्च शिक्षा की चुनौतियां व अवसर तथा शिक्षक निर्माण की चुनौती और अवसर, विषय पर विचार मंथन किया गया. कार्यशाला में आरडीडीई ने कहा कि शिक्षा नीति ऐसी हो जिसका मकसद सामान्य आदमी तक शिक्षा की आसान व अधिकतम पहुंच हो. उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला प्रासंगिक है. विमर्श में इस बात पर गहन विमर्श हो ताकि जो नीति बने उसमें जमीनी संवेदनाओं को पर्याप्त स्थान मिले. सीतामढ़ी के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि चयनित चार थीम के अनुरूप सभी प्रतिभागी अपने अनुभव के आधार पर शिक्षा नीति की चर्चा को समृद्ध करें. ताकि जब यह नीति लागू हो तो इसके कार्यान्वयन से जमीनी स्तर पर बदलाव की उम्मीद की जा सके .इससे पूर्व स्वागत करते हुये प्राचार्य डॉ झा ने विषय प्रवेश कराया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या केवल शिक्षा नीति से ही देश की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव संभव है? हर बार यह उम्मीद पाली जाती है की शिक्षा नीति अल्प संसाधनों एवं सीमित पहुंच के दायरे में जीवन गुजार रही ग्रामीण प्रतिभाओं की अपेक्षाओं को अपने सरोकारों से रूबरू करा पायेगी. फाउन्डेशन के प्रतिनिधि डॉ. पल्लव कुमार ने कहा कि यह आयोजन काफी सार्थक है. उन्होंने कहा कि इस मंथन से शिक्षा का एक वैसा स्वरूप हमारे सामने साकार हो जो भविष्य की शैक्षिक चुनौतियों का सामना करने में असरदार रूप में आकार ले सके. इससे पूर्व विषय प्रवेश अश्विनी त्रिपाठी ने कराया. मौके पर डॉ अनिल कुमार सिन्हा, डॉ मनोज वर्मा, संजीव कुमार, हरेंद्र राम, दिनेश प्रसाद आदि ने भी महत्वपूर्ण बातें रखीं. कार्यक्रम में डायट सीतामढ़ी के प्राचार्य जी. शंकर, पूर्वी चंपारण के डॉ.अवधेश, शिवहर के सुरेन्द्र महतो, मुजफ्फरपुर के सुनील तिवारी, राजकिशोर सिंह सहित कई अन्य थे.

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