डीइओ के खिलाफ धरना देंगे शिक्षक
मुजफ्फरपुर : जिले के शिक्षक जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कोरे आश्वासन, टाल-मटोल की नीति व शिक्षकों में आपसी विवाद बढ़ाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की तैयारी में है. मुजफ्फरपुर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कई बार दिये गये आश्वासनों के बावजूद कार्यान्वयन न होने पर नाराज पर होकर 30 दिसंबर […]
मुजफ्फरपुर : जिले के शिक्षक जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कोरे आश्वासन, टाल-मटोल की नीति व शिक्षकों में आपसी विवाद बढ़ाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की तैयारी में है. मुजफ्फरपुर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कई बार दिये गये आश्वासनों के बावजूद कार्यान्वयन न होने पर नाराज पर होकर 30 दिसंबर को डीइओ कार्यालय के सामने धरने पर बैठने का निर्णय लिया है. शिक्षक नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर इससे भी समस्या का निदान नहीं हुआ तो शिक्षक उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार है.
दामूचक स्थित संघ के कार्यालय पर शनिवार को जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न प्रसाद सिंह, उप प्रधान सचिव भूपनारायण पांडेय, कोषाध्यक्ष वैद्यनाथ पाठक, सचिव रघुवंश प्रसाद सिंह, राम छबिला राय, श्याम सुंदर सिंह व उमेश ठाकुर, संयुक्त सचिव राजीव रंजन तथा कार्यालय सचिव कैलाश बिहारी मिश्र ने पत्रकारों से बातचीत में शिक्षकों की समस्याएं सिलसिलेवार रखीं. बताया कि अपनी समस्याएं लेकर सैकड़ों शिक्षकों कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. वे बिचौलिए का शिकार हो रहे है, लेकिन डीइओ को इसकी चिंता नहीं है.
संघ के नेताओं ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान डीइओ के कार्यकाल में राष्ट्रीय शिक्षक कल्याण न्यास समिति की जिला स्तरीय एक भी बैठक नहीं होने से जीवन और मौत से जूझ रहे कई शिक्षकों को मिलने वाली अनुदान से संबंधित आवेदन पत्र कार्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं. कहा कि शिक्षक संघ की मांग पर सहमति जताते हुए आरडीडीइ ने 17 दिसंबर को ही डीइओ को निर्देशित कर दिया है, लेकिन उनका पत्र डीइओ कार्यालय में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. संघ के नेताओं ने कहा कि उनकी मांग पूरी न होने पर जो स्थिति उत्पन्न होगी, उसके लिए पूरी जवाबदेही डीइओ की होगी.
शिक्षकों की प्रमुख मांगें-
-नियोजित शिक्षकों को चार माह के बकाए वेतन व पूर्व के बकाया का भुगतान जल्द हो.
-एसीपी प्रथम व द्वितीय का आदेश निर्गत करें व 1.9.2011 से द्वितीय एसीपी का आदेश निर्गत करें.
-नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति की प्रक्रिया लागू करें.
-वेतन निर्धारण के बाद कनीय व वरीय के प्रभार संबंधी विवाद को दूर किया जाय.
-प्रवरण वेतनमान व स्नातक वेतनमान की सूची प्रकाशित करें.