संत प्रेम भक्षिुक कॉलेज के इंटर के छात्रों का चेकलस्टि गायब

संत प्रेम भिक्षुक कॉलेज के इंटर के छात्रों का चेकलिस्ट गायब भविष्य पर खतरा : – बोर्ड से आया परीक्षा आवेदन प्रपत्र का भी पता नहीं चला – बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैसेंजर की मनमामनी – मना करने के बाद भी कागजात किसी दूसरे को सौंप दिया – डीइओ ने सचिव को पत्र लिखकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2015 10:33 PM

संत प्रेम भिक्षुक कॉलेज के इंटर के छात्रों का चेकलिस्ट गायब भविष्य पर खतरा : – बोर्ड से आया परीक्षा आवेदन प्रपत्र का भी पता नहीं चला – बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैसेंजर की मनमामनी – मना करने के बाद भी कागजात किसी दूसरे को सौंप दिया – डीइओ ने सचिव को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया – चेकलिस्ट की दूसरी प्रति व परीक्षा आवेदन प्रपत्र की भी मांग संवाददाता, मुजफ्फरपुर संत प्रेम भिक्षुक कॉलेज, मुजफ्फरपुर के इंटरमीडिएट के सैकड़ों परीक्षार्थियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मिला चेक लिस्ट व परीक्षा आवेदन प्रपत्र बोर्ड के स्पेशल मैसेेंजर की मनमानी से गायब हो गया है. कॉलेज में स्थानीय स्तर के विवाद को देखते हुए कागजात तत्काल किसी को उपलब्ध नहीं कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसकी अवहेलना करते हुए कागजात लेकर आये सहायक सुभाष चंद्र मंडल ने किसी अन्य को सभी कागजात उपलब्ध करा दिया है. मामला संज्ञान में आने के बाद डीइओ गणेश दत्त झा ने बोर्ड के सचिव को पूरे मामले से अवगत करा दिया. सहायक को दोषी मानते हुए विधि सम्मत दंडात्मक कार्रवाई का आग्रह किया है. साथ ही चेकलिस्ट की दूसरी प्रति व परीक्षा अावेदन पत्र विशेष दूत से भिजवाने के लिए पत्र लिखा है. चेकलिस्ट व परीक्षा आवेदन पत्र विद्यालयों तक भिजवाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सहायक सुभाष चंद्र मंडल को अधिकृत करते हुए मुजफ्फरपुर भेजा है. 28 दिसंबर से वह विद्यालयों में कागजात उपलब्ध भी करा रहे हैं. विभाग ने स्थानीय स्तर पर उत्पन्न विवाद को देखते हुए संत प्रेम भिक्षुक महाविद्यालय का कागजात तत्काल किसी को उपलब्ध न कराने का निर्देश दिया था. डीइओ का कहना है कि जब उसी दिन शाम साढ़े चार बजे मंडल से संत प्रेम भिक्षुक के कागजात की जानकारी मौखिक रूप से मांगी गयी तो असमर्थता जताते हुए उनका जवाब था कि हमें नहीं मालूम कौन व्यक्ति उठा लिया है? डीइओ का कहना है कि मंडल का यह कार्य पूर्णतया उनकी लापरवाही या दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने की मंशा को दर्शाता है. आशंका जताई है कि फार्म वितरण में लापरवाही बरते जाने के कारण छात्रों के भविष्य पर भी असर पड़ सकता है.

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