बैंक लोन समेत 20 विभाग का 687 करोड़ बकाया, वसूली को टास्क
687 crore outstanding of 20 departments including bank loans
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
नीलाम-पत्र वाद के लंबित मामलों का निष्पादन करने को लेकर सरकार से लगातार सख्त निर्देश आ रहे हैं. प्राथमिकता के आधार पर प्रतिमाह ज्यादा से ज्यादा मामलों में ऋण वसूली की कार्रवाई करने को कहा गया है. वहीं सभी जिलास्तरीय नीलाम-पत्र पदाधिकारियों को निर्गत वारंट, प्राप्त आपत्तियों, नोटिस का तामिला आदि के संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इसके बावजूद जिले में करीब 700 करोड़ नीलामवाद के मामले लंबित है. इसमें सबसे अधिक बैंक लोन है. सर्टिफिकेट केस होने के बाद भी लोन चुकता नहीं हो पाया है.5125 वाद लंबित
नीलामवाद निपटारे की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में फिलहाल 5125 मामले लंबित हैं, जिनमें 28 हजार से अधिक बैंक लोन और दूसरे नंबर पर परिवहन विभाग है. करीब 5700 मामले का निबटारा होना बाकी है. इसके अलावा वाणिज्य कर, बिजली, लगान, सैरात, खादी बोर्ड, उत्पाद, मत्स्य, सहकारिता, दावा व परिवाद, भू अर्जन, खनन, नगर निगम, राइस मिल, बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम आदि विभाग के मामले लंबित है.मुख्य सचिव करेंगे समीक्षा
2000 से पूर्व के लंबित मामलों काे प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मुख्य समीक्षा पटना में इसका समीक्षा करेंगे. आयुक्त ने तिरहुत प्रमंडल अंतर्गत सभी समाहर्ताओं को इससे अवगत करा दिया है. बताया गया कि इस माह के अंत तक 24 साल पुराने मामले को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करना है. मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान इतने लंबी अवधि तक नीलामवाद मामले में शून्य वसूली और कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने सभी संबंधितों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी जिले इन मामलों की सूची तैयार कर पहले निष्पादन करें. तिरहुत प्रमंडल अंतर्गत करीब तीन दर्जन से अधिक नीलामवाद के मामले वर्ष 2000 से पहले के लंबित हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है